ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार ने टैक्स रिफंड भी राहत में गिनाया,विपक्ष बोला-ये कैसा पैकेज?

वित्तमंत्री सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को लेकर दी जानकारी

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को लेकर जानकारी दी. जिसमें उन्होंने बताया कि इस 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से अलग-अलग सेक्टर्स में किस तरह राहत पहुंचाने का काम किया जाएगा. लेकिन वित्तमंत्री की इस प्रेस ब्रीफिंग को लेकर कई विपक्षी नेताओं के बयान आए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार ने सिर्फ ऐलान बड़ा किया है, असल में गरीबों के लिए कुछ नहीं किया गया. पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम से लेकर ममता बनर्जी ने इस पैकेज पर अपनी राय दी. वहीं पीएम मोदी समेत बीजेपी नेताओं ने इसकी तारीफ की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर आर्थिक पैकेज के बहाने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा,

“लोगों को आर्थिक पैकेज से राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ये एक बहुत बड़ा जोरो निकला. इस पैकेज में राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है.”
ममता बनर्जी

ममता बनर्जी के अलावा पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने इस पूरे पैकेज का गणित समझाया. उन्होंने इसे लेकर कई सवाल भी खड़े किए. चिदंबरम ने कहा, "वित्तमंत्री ने गरीब मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं कहा जो भूखे हैं और पैदल ही अपने घरों की ओर जा रहे हैं. 13 करोड़ गरीब परिवारों के खाते में कैश ट्रांसफर को लेकर भी कुछ नहीं कहा गया है. मामूली MSME पैकेज को छोड़कर, हम आज की वित्तमंत्री की तरफ से की गई घोषणाओं से निराश हैं."

सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने भी वित्तमंत्री की पैकेज को लेकर ब्रीफिंग के बाद ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि लोगों का ही पैसा उनको ही देकर इसे राहत पैकेज बताया जा रहा है. येचुरी ने लिखा,

“क्या पैकेज है... लोगों का अपना पैसा, वापस उन्हीं को रिफंड्स और बूस्ट के तौर पर दिया जा रहा है. लोगों की अपनी सेविंग्स और इनकम टैक्स रिफंड उन्हें वापस दिया जा रहा है.”
सीताराम येचुरी

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्विटर पर कहा कि गरीबों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"कल, आज और कल-कल 20,00,000 करोड़ रुपये का हेडलाइन पैकेज, आज 3,70,000 करोड़ रुपये का मात्र कर्ज पैकेज, पर हेडलाइन से हेल्पलाइन पैकेज कब? न गरीब के हाथ में एक फूटी कौड़ी, न किसान के खाते में एक रुपैया, न प्रवासी मजदूर की घर वापसी या राशन, न दुकानदार/नौकरी पेशा को कुछ मिला."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×