महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में फिर से उथल-पुथल शुरू हो गई है. महाविकास अघाड़ी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसकी वजह ये है कि MVA सरकार के 30 विधायक पहुंच से दूर हैं और कथित तौर पर गुजरात के होटलों में मौजूद हैं.
इन विधायकों में सबसे बड़ा नाम महाराष्ट्र सरकार में शहरी मामलों के मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का है. एकनाथ शिंदे कथित तौर पर अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं.
कौन हैं एकनाथ शिंदे ?
एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख नेता हैं. फिलहाल वे महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में शहरी मामलों के मंत्री हैं. शिंदे ठाणे में शिवसेना के बड़े नेता माने जाते हैं. पार्टी को मजबूत करने में उनका अहम योगदान माना जाता है. शिंदे लगातार चार बार 2004, 2009, 2014 और 2019 में महाराष्ट्र विधान सभा में चुने गए हैं. 2014 की जीत के बाद, उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता और बाद में महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था. उनके बेटे श्रीकांत शिंदे लोकसभा सांसद हैं और उनके भाई प्रकाश शिंदे पार्षद हैं.
एकनाथ शिंदे कथित तौर पर पिछले कुछ समय से जानबूझकर दरकिनार किए जाने के बाद पार्टी से नाराज हैं. शिंदे को शिवसेना के कई विधायकों का समर्थन है और शिवसेना के गढ़ ठाणे में उनका काफी दबदबा है.
क्यों नाराज हैं एकनाथ शिंदे?
ऐसा माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे MVA सरकार में आदित्य ठाकरे के चलते दरकिनार किए जा रहे हैं. आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे हैं इसलिए उद्धव पर उन्हें ज्यादा तवज्जो देनें के आरोप लग रहे हैं. महाविकास अघाड़ी सरकार में उद्धव के बाद शिंदे का कद सबसे बड़ा माना जाता है.
नाराजगी की एक वजह ये भी हो सकती है कि महाविकास अघाड़ी में एक महत्वपूर्ण मंत्री होने के बावजूद आदित्य ठाकरे के पास ज्यादा शक्तियां हैं और वे फैसले लेने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
शिंदे की छवि एक कट्टर और वफादार शिव सैनिक की रही है. वो 2019 में सीएम बनते-बनते रह गए.
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