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लालू के जेल जाने के बाद अब परिवार और RJD को कौन संभालेगा?

ये भी देखना होगा कि लालू इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत पाने में कामयाब होते हैं या नहीं.

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चारा घोटाले से जुड़े एक और केस में लालू प्रसाद दोषी पाए गए हैं. सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद उन्‍हें जेल भेज दिया गया. इस घटनाक्रम के साथ एक सवाल ये खड़ा हो गया है कि अब लालू परिवार और उनकी पार्टी आरजेडी को कौन संभालेगा?

आगे मौजूदा हालात और निकट भविष्‍य की संभावनाओं पर विस्‍तार से चर्चा की गई है.

तेजस्‍वी यादव के कंधों पर बड़ी जिम्‍मेदारी

बदली परिस्‍थ‍िति में प्रदेश के पूर्व डिप्‍टी सीएम और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्‍वी यादव की जिम्‍मेदारी और बढ़ गई है. नीतीश कुमार की पार्टी के बीजेपी से मिल जाने के बाद तेजस्‍वी सत्ता से भले ही बेदखल हो गए हैं, लेकिन मुश्किल हालात झेलने का जज्‍बा अपने अंदर जरूर पैदा कर चुके होंगे.

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तेजस्‍वी अपने पिता और 'चाचा' नीतीश के साथ काम करके जाहिर तौर पर सियासत के कई नए दांव-पेच भी सीख चुके होंगे. नीतीश की मुखालफत में उतरने के बाद उनकी गिनती प्रदेश के कद्दावर युवा नेताओं में होने लगी है.

ये भी देखना होगा कि लालू इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत पाने में कामयाब होते हैं या नहीं.
तेजस्‍वी यादव अक्‍सर सीएम नीतीश कुमार और उनकी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रहार करते रहते हैं
(फोटो साभार: @Tejashwi Yadav के फेसबुक पेज से)

राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि सदन के भीतर और बाहर उनके भाषण में लोगों को खींचने का माद्दा नजर आता है. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं की नजर जाहिर तौर पर तेजस्‍वी पर टिकी होगी.

पिता के निर्देश से संवारेंगे पार्टी

लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद भी आरजेडी की कमान तो उनकी ही पास रहेगी, लेकिन पार्टी का पूरा दारोमदार तेजस्‍वी यादव पर होगा. जेल के भीतर से पिता से निर्देश मिलने के बाद उन्‍हें पार्टी चलाने में कोई दिक्‍कत नहीं होनी चाहिए.

ये भी देखना होगा कि लालू प्रसाद इस केस में हाईकोर्ट से जमानत पाने में कामयाब होते हैं या नहीं.

राबड़ी देवी का रोल क्‍या होगा?

लालू प्रसाद जब चारा घोटाला केस में पहली बार जेल गए थे, तब उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी ने प्रदेश की सत्ता संभाली थी. राबड़ी सक्रिय राजनीति में लंबा अरसा गुजार चुकी हैं और तमाम उतार-चढ़ाव देख चुकी हैं. इस दौरान उनकी छवि मानसिक तौर पर मजबूत महिला की बनी.

ये भी देखना होगा कि लालू इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत पाने में कामयाब होते हैं या नहीं.
राबड़ी देवी राजनीतिक जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव देख चुकी हैं
(फोटो: Twitter)

लेकिन इस बार राबड़ी देवी की जिम्‍मेदारी पहले से ज्‍यादा बढ़ गई है. हाल में लालू परिवार के कई सदस्‍य इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में हैं. उनकी बेटी और सांसद मीसा भारती, दामाद शैलेश लगातार जांच एजेंसियों के सामने हाजिरी दे रहे हैं. बेटे तेजस्‍वी और तेज प्रताप यादव भी आरोप के घेरे में हैं. खुद राबड़ी भी ऐसी ही स्‍थ‍िति से गुजर रही हैं.

बदले हुए मुश्किल हालात में राबड़ी देवी को पहले से ज्‍यादा मजबूती का परिचय देना होगा, जिससे परिवार को मुश्किल से पार पाने में मदद मिल सके.

लालू के समर्थकों के भरोसे का क्‍या होगा?

भले ही लालू प्रसाद चारा घोटाले में दोषी करार दे दिए गए हों, लेकिन इससे उनकी पार्टी के समर्थकों पर शायद ही कुछ असर पड़े. प्रदेश के एक विशेष वर्ग पर उनकी खास पकड़ है. ये तबका मानता है कि लालू ने सामाजिक हक की लंबी लड़ाई में उनका साथ दिया है. ऐसे में माना जा सकता है कि लालू प्रसाद के समर्थक उन्‍हें छोड़कर कहीं और जाने की जल्‍दबाजी नहीं दिखाएंगे.

इस बारे में लालू के पुराने दोस्‍त और बीजेपी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का ट्वीट गौर करने लायक है. कोर्ट के फैसले से ठीक पहले उन्‍होंने लिखा:

"मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के दोस्त, जनता के हीरो, दलितों-वंचितों के चहेते लालू प्रसाद यादव को न्याय मिले. सत्यमेव जयते."

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