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G Kishan Reddy: 5 दशक का साथ, प्रशासनिक पकड़- नए तेलंगाना चीफ से क्या साधेगी BJP?

G Kishan Reddy ने अपना राजनीतिक करियर 1977 में जनता पार्टी के युवा नेता के रूप में शुरू किया था.

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2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, बीजेपी (BJP) ने मंगलवार (4 जुलाई) को अपने कई राज्यों के संगठन प्रमुखों को बदल दिया. इसमें तेलंगाना भी शामिल हैं, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. पिछले कुछ समय से भगवा पार्टी यहां अपना विस्तार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

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नए बदलाव के तहत बीजेपी ने तेलंगाना में राज्य प्रमुख के रूप में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को नियुक्त किया है. रेड्डी की नियुक्ति बीजेपी की राज्य में जड़ मजबूत करने के कदम की ओर इशारा कर रही है. लेकिन रेड्डी कौन हैं, आइये आपको बताते हैं.

मोदी कैबिनेट में थे मंत्री

गंगापुरम किशन रेड्डी यानी जी किशन रेड्डी (63 वर्षीय) सिकंदराबाद से सीट से सांसद हैं. वो केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री थे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

वो तीन बार विधायक और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता रह चुके हैं. इसके अलावा वो तत्कालीन आंध्र प्रदेश राज्य के बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

1977 में शुरू किया राजनीतिक करियर

जी किशन रेड्डी ने अपना राजनीतिक करियर 1977 में जनता पार्टी के युवा नेता के रूप में शुरू किया. वह 1980 में बीजेपी की स्थापना के समय पार्टी में शामिल हुए. उनका जन्म 15 जून 1960 में तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के तिम्मापुर गांव में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था.

उन्होंने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग, हैदराबाद से टूल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. राजनीति के अलावा उनकी रुचि बैडमिंटन, कैरम और कबड्डी खेलने में भी है. रेड्डी के दो बच्चे हैं - एक बेटा और एक बेटी.

संजय बंदी की जगह रेड्डी को कमान

जी किशन रेड्डी को संजय बंदी की जगह राज्य बीजेपी की कमान दी गई है. बंदी का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था. NDTV ने सूत्रों के हवाले से कहा कि यह बदलाव, पार्टी के भीतर बढ़ते आंतरिक असंतोष के कारण हुआ, जो आम तौर पर अनुशासित बीजेपी के लिए असामान्य है. यह हाल ही में कर्नाटक चुनावों में पार्टी की हार के बाद आया है.

पीएम ने कई बार की तारीफ

संजय बंदी की कई मौकों पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की गई है. एक साधारण कार्यकर्ता की उनकी कहानी, जिसने अपने चुनाव अभियान के लिए अपनी पत्नी का मंगलसूत्र नीलाम कर दिया. खासकर 2019 में करीमनगर लोकसभा चुनाव में उनकी शानदार जीत के बाद कई लोगों को पसंद आया. माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल कर सकती है.

संजय बंदी के नेतृत्व में, तेलंगाना में बीजेपी ने अपनी जड़ काफी मजबूत कर लिया था, और सत्तारूढ़ बहुजन राष्ट्र समिति (BRS) के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी.

हालांकि, पिछले कुछ महीनों में, बीजेपी सार्वजनिक असंतोष से त्रस्त हो गई है, पार्टी के नेताओं ने खुलेआम बंदी के नेतृत्व के खिलाफ अपनी शिकायतें व्यक्त की हैं और मांग की है कि उनकी महत्वाकांक्षाओं को मान्यता दी जाए.

ऐसा माना जा रहा है कि नेतृत्व परिवर्तन के पीछे मुख्य वजह एटाला राजेंदर हैं, जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं, जिन्हें बीआरएस से बाहर कर दिया गया था. राजेंद्र ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से पैरवी की, उन्होंने दावा किया कि संजय बंदी की नेतृत्व शैली पार्टी के दिग्गजों को अलग-थलग कर रही है और अन्य दलों से संभावित आने वाले नेताओं को हतोत्साहित कर रही है.

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जानकारी के अनुसार, तेलंगाना में लोकसभा की 17 और विधानसभा की 119 सीटें हैं. बीजेपी यहां विधानसभा और लोकसभा दोनों में बड़ी सफलता हासिल करना चाहती है. ऐसे में रेड्डी की नियुक्ति कई मायनों में खास है. उनके पास संगठन के साथ प्रशासनिक अनुभव भी है. पार्टी को उम्मीद है कि रेड्डी बीजेपी को बड़ी सफलता दिलाएंगे.

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