कांग्रेस (Congress) पार्टी को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, "बड़े अफसोस और भारी मन से मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व को 'कांग्रेस जोड़ो यात्रा' करनी चाहिए थी.
अभी हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रचार समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. बता दें कि इस पद की जिम्मेदारी उन्हें कुछ घंटे पहले ही सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा दिया है. बताया जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे. वे कांग्रेस नेताओं के G-23 गुट में भी शामिल थे. G-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है. इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा है.
बीच लड़ाई में छोड़ा साथ- माकन
आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब पार्टी देशभर में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. दुख की बात है कि वो इस लड़ाई का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं.
बीजेपी ने कांग्रेस पर कसा तंज
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर बीजेपी ने भी तंज कसा है. बीजेपी ने ट्वीट किया, "देश हम जोड़ रहे हैं, आप कांग्रेस जोड़ो 'दरबारियों'."
गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक सफर
जम्मू-कश्मीर के डोडा से तालुक रखने वाले गुलाम नबी आजाद ने एक कद्दावर कांग्रेस नेता के रूप में पार्टी में अपनी अलग पहचान बनाई. 40 साल से ज्यादा के राजनीतिक करियर में गुलाम नबी आजाद पार्टी और सरकार में कई अहम पदों पर रहें.
• 1973 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत की
• पार्टी में बढ़ी सक्रियता के बाद 1980 में सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे.
• 1982 में पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को केंद्रीय मंत्री बनाया.
• 1990 से 2014 के बीच पार्टी और सरकार में कई अहम पदों पर रहे
• 2005 में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने गुलाम नबी आजाद
• 2014 में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बने
कांग्रेस में कद्दावर अल्पसंख्यक चेहरा
कांग्रेस में दिवंगत नेता अहमद पटेल के बाद गुलाम नबी आजाद दूसरे सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा थे. पार्टी में होने वाले हर छोटे-बड़े फैसलों में गुलाम नबी आजाद की सहभागिता रहती थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से वो पार्टी से नाराज चल रहे थे. उन्होंने संगठनात्मक सुधार के लिए कई बार पार्टी नेतृत्व को सुझाव भी दिए थे.
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