पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव के गोवा (Goa) में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली, जिसके बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी की है. बीजेपी ने यहां से कुल बीस सीटें जीती, जिसका वोट प्रतिशत 33.3 है. राज्य के सांकेलिम विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके सावंत अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. कई लोगों ने उनकी शालीनता की कई बार तारीफ की है.
48 वर्षीय सीएम प्रमोद सावंत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बीजेपी युवा विंग के नेता के रूप में की थी और वह पर्रिकर के कट्टर समर्थक थे.
रैंक के साथ आगे बढ़ रहे हैं सावंत
प्रमोद सावंत का जन्म महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में 24 अप्रैल 1973 को हुआ था. उन्होंने गंगा एजुकेशन सोसाइटी के आयुर्वेदिक कॉलेज से आयुर्वेद, चिकित्सा और सर्जरी में स्नातक की डिग्री हासिल की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अपने गृहनगर कोठांबी में वो बचपन से एक आरएसएस कार्यकर्ता थे और बाद में बीजेपी के युवा नेता बने.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सावंत प्रमुख रूप से 2011 के दौरान चर्चा में आए, जब उन्होंने खनन क्षेत्र में कथित अनियमितताओं को लेकर दिगंबर कामत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया.
प्रमोद सावंत ने 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव जीता, जो कांग्रेस के गढ़ सांकेलिम विधानसभा सीट पर कब्जा करने में कामयाब हुए.
सावंत गोवा स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष हैं, जो राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चरल कार्यों को करने के लिए पर्रिकर द्वारा स्थापित एक स्पेशल पर्पज वेहिकल (SPV) है. उनकी पत्नी सुलक्षणा सावंत एक टीचर हैं, जो पहले गोवा बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष थीं.
प्रमोद सावंत, मनोहर पर्रिकर को एक संरक्षक और एक 'पिता की शख्सियत' के रूप में मानते थे. पर्रिकर की तबीयत बिगड़ने उन्होंने राज्य में अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया. 2017 में पर्रिकर के अंतिम कार्यकाल के दौरान, सावंत को राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.
19 मार्च 2019 को, पर्रिकर की कैंसर से मृत्यु के कुछ घंटों बाद प्रमोद सावंत को आधी रात के दौरान गोवा का 13वां मुख्यमंत्री चुना गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सावंत को पार्टी समर्थकों द्वारा पूरी तरह से सपोर्ट मिला.
प्रमोद सावंत ने वक्त के साथ अपनी काबिलियत साबित की है. पार्टी भीतर बढ़ते असंतोष, कोरोना कुप्रबंधन के कारण एक मजबूत सत्ता-विरोधी लहर, एक फेल अर्थव्यवस्था, निलंबित खनन कार्यों पर गुस्सा और बढ़ती मंहगाई को उन्होंने बखूबी संभाल लिया है.
साफ-सुथरी इमेज के बावजूद, गोवा के सीएम ने जुलाई 2021 में गोवा के बेनौलिम समुद्र तट पर दो 14 वर्षीय लड़कियों के साथ गैंग रेप के बाद विपक्ष और सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें निशाने पर लिया था.
पुलिस अधिकारियों के रूप में चार लोगों ने समुद्र तट पर लड़कों की पिटाई करने के बाद दो लड़कियों के साथ रेप किया था. बाद में दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
राज्य विधानसभा में मामले के बारे में एक सवाल के जवाब में, सावंत ने कहा था:
जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र के किनारे रहते हैं, तो माता-पिता को इसकी जांच करने की जरूरत होती है. सिर्फ इसलिए कि बच्चे नहीं सुनते हैं, हम सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते.
कुछ दिनों बाद, सीएम प्रमोद सावंत ने स्पष्ट किया कि उनके द्वारा कही गई बातों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया और उन्हें इसका गहरा दुख हुआ क्योंकि उनकी भी एक 14 साल की बेटी है.
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