ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसानों के समर्थन में बोले सत्यपाल मलिक-लाठीचार्ज के लिए सरकार मांगें माफी

सत्यपाल मलिक ने एसडीएम आयुष सिन्हा को तुरंत सेवा से बर्खास्त

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने एक बार फिर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन किया है, और बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से करनाल में किसानों पर हुए क्रूर लाठीचार्ज के लिए माफी मांगने की मांग की है. शनिवार को करनाल में हुए लाठीचार्ज में 10 लोग घायल हुए थे.

इस मामले से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, एक जिलाधिकारी द्वारा किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दिया जा रहा था, जिस पर विपक्ष की ओर से खूब हंगामा भी किया गया था. वीडियो का जिक्र करते हुए सत्यपाल मलिक ने जिलाधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग उठाई है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने खुद को किसान का लाल कहते हुए कहा कि मनोहर लाल खट्टर को किसानों से माफी मांगनी चाहिए. हरियाणा के मुख्यमंत्री किसानों पर लाठियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने फोर्स का प्रयोग नहीं किया. मैंने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि बल प्रयोग न करें.

उन्होंने आगे कहा कि एसडीएम आयुष सिन्हा तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए. वो एसडीएम के पद के काबिल नहीं हैं. सरकार उनका समर्थन कर रही है और अभी तक उस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इस बात मुझे बहुत निराशा हुई है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को सरकार ने कोई सांत्वना नहीं दी है.
सत्यपाल मलिक, राज्यपाल, मेघालय
0
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हुए किसान आंदोलन में अब तक 600 किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक एक भी सांत्वना का शब्द नहीं बोला गया.

सत्यपाल मलिक इससे पहले जम्मू कश्मीर, गोवा, बिहार और उड़ीसा में राज्यपाल के रूप में सेवा दे चुके हैं. उन्होंने सरकार से न डरने का संकेत देते हुए कहा कि मुझे इस पद (राज्यपाल) से प्यार नहीं है, मैं कुछ भी बोलता हूं दिल से बोलता हूं. मुझे लगता है कि मुझे किसानों के लिए वापस लौटना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों मार्च में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मेरा अनुमान है कि यूपी, हरियाणा और राजस्थान में होने जा रहे आगामी चुनाव में बीजेपी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा क्योंकि हजारों किसान अब भी दिल्ली सीमाओं पर डटे हुए हैं.

उन्होंने यह भी कहा था कि अगर यह आंदोलन इसी तरह लंबे समय तक चलता रहा तो पश्चिमी यूपी, राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी का हारना तय है. बता दें कि कुछ ही महीनों में यूपी में चुनाव होने वाला है.

लाठीचार्ज के बाद किसानों में आक्रोश

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शनिवार को किसानों के साथ हुए व्यवहार के बाद किसानों ने हरियाणा के आस-पास की कई सड़कों को ब्लॉक किया गया था. जब बीजेपी के स्टेट चीफ ओपी धनकर के काफिले को किसानों विरोध करने की कोशिश करने लगे तो, हरियाणा पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया था.

किसान नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे किसानों पर क्रूरता से लाठीचार्ज करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई.

रिपोर्ट के मुताबिक लाठीचार्ज में दस लोग घायल हुए थे और सोशल मीडिया पर घायल किसानों की तस्वीरें वायरल हुईं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना को सरकार द्वारा प्रायोजित बताते हुए तीखी आलोचना की.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नए कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा महीनों से किया जा रहा है प्रदर्शन

सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इन कानूनों के इस्तेमाल से कम दामों पर फसलें लूट ली जाएंगी और हम किसानों को कॉर्पोरेट हितों की दया पर छोड़ दिया जाएगा. हालांकि इस मामले में सरकार ने जोर देते हुए कहा है कि इन कानूनों से किसानों का फायदा होगा.

किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. किसानों की मांग के मुताबिक सरकार कानून को खत्म करने को तैयार नहीं है और किसान मजबूती के साथ आंदोलन करते हुए डटे हुए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पिछले दिनों 22 जनवरी को केन्द्र के एक पैनल ने किसानों से बात की थी. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली के बाद से अभी तक सरकार और किसानों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×