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AAP के गुजरात उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने खुद बताया - क्यों लिया नामांकन वापस

Kejriwal की पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उनके सूरत पूर्व उम्मीदवार जरीवाला को अगवा कर लिया है

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Gujarat Election 2022: आम आदमी पार्टी (AAP) बीजेपी पर गुजरात चुनाव में अपने उम्मीदवारों में से एक के 'अपहरण' करने का सनसनीखेज आरोप लगा रही है. लेकिन बुधवार, 16 नवंबर की शाम इसमें नाटकीय मोड़ तब आया जब नामांकन वापस ले चुके इस "लापता" नेता- कंचन जरीवाला (Kanchan Jariwala) - ने एक वीडियो में अपनी ही पार्टी पर धावा बोला.

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AAP द्वारा बीजेपी पर सूरत (पूर्व) से उसके उम्मीदवार कंचन जरीवाला के 'अपहरण' करने और बंदूक की नोक पर गुजरात चुनाव से हटाने का आरोप लगाने के घंटों बाद जरीवाला ने जोर देकर कहा कि उन्होंने ऐसी पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया है जो 'देशद्रोही' "और" गुजरात विरोधी " है. NDTV की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि

"कैंपेन के दौरान लोग मुझसे पूछते थे कि मैं एक देश-विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का उम्मीदवार क्यों बना. मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी. मैंने बिना किसी दबाव के अपना नामांकन वापस ले लिया. मैं ऐसी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकता."

आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा "अपहरण" की शिकायत करने और सूरत (पूर्व) में चुनाव रद्द करने की मांग करने के लिए चुनाव आयोग से मिलने के तुरंत बाद यह वीडियो सामने आया.

दूसरी तरफ ANI की रिपोर्ट के अनुसार जरीवाल ने कहा कि “मेरा नामांकन वापस लेने का कारण यह था कि (आप) कार्यकर्ताओं ने सूरत (पूर्व) विधानसभा में इस्तीफा देना शुरू कर दिया था. वर्कर्स पैसे की मांग करने लगे. मैं इतना सक्षम नहीं हूं कि 80 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये खर्च कर सकूं."

रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि 'पार्टी का काफी दबाव था. लोग बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे. मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया. बीजेपी का कोई नहीं था. अब मुझे क्या करना है, मैं पांच-सात दिन बाद बताऊंगा."

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AAP ने क्या आरोप लगाए हैं?

सूरत (पूर्वी) से आम आदमी पार्टी के विधायक कंचन जरीवाला के कथित अपहरण को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामे के कुछ घंटे बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीजेपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे. सिसोदिया ने अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करते नारे हुए कार्रवाई की मांग की.

मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी उम्मीदवार का अपहरण किया गया है. बाद में प्रत्याशी पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि आप के उम्मीदवार को पुलिस और बीजेपी के गुंडों के साथ मिलकर बंदूक की नोंक पर नामांकन वापस लेना पड़ा और बाद में पुलिस ने उन्हें बीजेपी के गुंडों के बीच छोड़ दिया.

आप नेता राघव चड्ढा ने वीडियो ट्वीट किया और लिखा, देखिए कैसे पुलिस और बीजेपी के गुंडे एक साथ, हमारे सूरत (पूर्व) के उम्मीदवार कंचन जरीवाला को आरओ कार्यालय में घसीट ले गए, जिससे उन्हें अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' शब्द मजाक बन गया है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, गुंडों और पुलिस के समर्थन पर, उम्मीदवारों का अपहरण किया जा रहा है और उनके नामांकन वापस ले लिए जा रहे हैं. इस प्रकार की सार्वजनिक गुंडागर्दी भारत में कभी नहीं देखी गई है. फिर चुनाव का क्या मतलब है, लोकतंत्र खत्म हो गया है.

बता दें कि 27 साल से गुजरात में सत्ता में बीजेपी को इस बार AAP के आक्रामक अभियान का सामना करना पड़ रहा है, जिसने राज्य में पारंपरिक बीजेपी बनाम कांग्रेस के दोतरफा मुकाबले को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया है. गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को नई सरकार के लिए दो चरणों में मतदान होगा. नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

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