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Hemant Soren की प्रेशर पॉलिटिक्स? पुरानी पेंशन बहाल, विधानसभा सत्र बुलाया गया

Jharkhand Politics: तू डाल-डाल, मैं पात-पात

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"रणभूमि में युद्ध हो, उससे पहले मनोभूमि में खेला जाता है." महाभारत का ये चर्चित डायलॉग है. इस समय हेमंत सोरेन पर चरितार्थ हो रहा है. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में फंसे हेमंत सोरेन की विधायकी पर संशय बरकार है. JMM-Congress का आरोप है कि इस मामले को जानबूझकर रोका गया है, जिससे BJP को समय मिल जाए और विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सके.

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झारखंड में BJP और UPA दोनों अपने-अपने स्तर से खेला खेल रहे हैं. BJP डाल-डाल तो हेमंत सोरेन पात-पात चल रहे हैं. चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने की सिफारिश पिछले हफ्ते ही राज्यपाल को भेज दी थी. जिसके बाद सूत्रों वाले पत्रकारों ने मीडिया में खबर फ्लैश किया कि राज्यपाल ने भी हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने पर अपनी मुहर लगा दी है और इसके कागजात चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को बंद लिफाफे में भेज दिये हैं. इसके बाद से ही सबकी निगाहें हेमंत सोरेन की विधायकी के फैसले पर टिकी हुई हैं. लेकिन, फैसला है कि आने का नाम ही नहीं ले रहा है.

विधायकी जाने की मीडिया में खबर फ्लैश होने के बाद हेमंत सोरेन ने भी अपना दिमाग दौड़ाया और विधायकों को अपने आवास पर बुला लिया. विधायक अपना-अपना समान समेटे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. बस बुलाई गई, विधायकों के साथ हेमंत सोरेन भी बैठे. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया कि हेमंत सोरेन विधायकों के साथ छ्त्तीसगढ़ जा रहे हैं. लेकिन, पता चला हेमंत सोरेन विधायकों के साथ सैर पर निकल गए हैं. शाम होते-होते वापस रांची लौट आए और विधायकी पर आने वाले फैसले का इंतजार करने लगे. एक दिन बीत जाने के बाद भी जब फैसला नहीं आया तो हेमंत सोरेन ने हवा में उड़ान भरने की तैयारी शुरू कर दी.

मेफेयर रिजॉर्ट में JMM-Congress विधायक

हॉर्स ट्रेडिंग के डर से विधायकों को सुरक्षित स्थान भेजने की तैयारी शुरू हो गई. जगह चुनी गई कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ का रायपुर, रिजॉर्ट मेफेयर. इसके बाद फिर से विधायकों का जमावड़ा शुरू हुआ और IndiGo के विमान ने शाम को उड़ान भरी और विधायकों को ले जाकर रायपुर छोड़ दिया. पिछले तीन दिनों से विधायक वहीं ठहरे हुए हैं. बीजेपी ने इसका मुद्दा बना दिया कि जनता के पैसे से विधायक रायपुर में ऐश कर रहे हैं.

हेमंत की प्रेशर पॉलिटिक्स

बीजेपी के आरोपों से घिरे हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से दिमाग दौड़ाया और प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी. हवा बनाई गई कि हेमंत सोरेन गुरुवार को इस्तीफा दे सकते हैं. इसी स्ट्रैटजी के तहत हेमंत सोरेन और UPA विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात का समय मांगा. दो बार समय टाल चुके राज्यपाल ने हेमंत सोरेन के इस्तीफे की बात सुनकर तुरंत हामी भर दी और मिलने का समय दे दिया.

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सोरेन की विधायकी पर दो दिन में फैसला

गुरुवार शाम को UPA विधायकों ने राज्यपाल से विधायकी पर फैसले की देरी पर सवाल किया तो राज्यपाल ने जवाब दिया कि कुछ कानूनी सलाह ली जा रही है अगले दो दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा. कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने स्वीकार किया है कि चुनाव आयोग से पत्र मिला है. कुछ बिंदुओं पर विशेषज्ञों से राय ली जा रही है, जल्द ही राजभवन इस पूरे मसले को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा.

5 सितंबर को बुलाया गया एक दिवसीय विशेष सत्र

राज्यपाल के आश्वासन के बाद इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 5 सितंबर को सुबह 11 बजे एक दिवसीय विशेष सत्र बुला लिया है. बताया जा रहा है कि विधायकी पर आने वाले फैसले के आधार पर सदन में फैसला लिया जाएगा.

कैबिनेट मीटिंग में लिए गए ये फैसले

स्नैपशॉट
  • पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की स्वीकृति दी गई

  • सहायक पुलिस कर्मियों के सेवा अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई

  • सरकारी कामकाज के लिए VIP/VVIP की यात्रा की सुविधा के लिए एक महीने के लिए चार्टर विमान किराए पर लेने की मंजूरी दी गई

  • मोटरयान (यान स्क्रेपिंग सुविधा का रजिस्ट्रेशन और कार्य) नियम, 2021 के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई

  • विश्व बैंक संपोषित झारखंड पावर सिस्टम इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के लिए स्वीकृत राशि को रिस्ट्रक्चर करने की स्वीकृति दी गई

  • मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत् प्रभावित सुपात्र व्यक्तियों की चिकित्सा के लिए विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि 5 लाख रु. को बढ़ाकर 10 लाख रु. करने और पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने की स्वीकृति दी गई

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