असम के दरांग जिले (Darrang Eviction) में अतिक्रमण हटाने की घटना के हिंसक रूप लेने पर सियासत गरमा गई है. इस घटना में दो नागरिकों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी भी घायल हैं. अब मामले पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी था. उन्होंने कहा कि इसे एक रात पहले नहीं किया गया है, बल्कि चर्चा चार महीने से चल रही थी. सरमा ने कहा कि मंदिर की जमीन पर भी लोगों ने कब्जा किया हुआ था.
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "उस इलाके में, 1983 से लोगों की हत्याएं हो रही हैं. वो इलाका इसलिए ही जाना जाता है. आम तौर पर असम में लोग मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण नहीं करते हैं. मैं मंदिर गया हूं, मैंने अवैध कब्जा देखा है. असम सरकार के साथ शांतिपूर्ण तरीके से हटाये जाने को लेकर समझौते के बाद, लेकिन किसने उकसाया?"
'वीडियो से नीचा नहीं दिखा सकते'
दरांग में 23 सितंबर कोई हुई हिंसा का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक फोटोजर्नलिस्ट एक गोली लगे शख्स के ऊपर कूदता हुआ देखा जा सकता है. इसकी आलोचना होने के बाद पुलिस ने जर्नलिस्ट को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले पर मुख्यमंभत्री ने कहा, "आप एक 30 सेकेंड के वीडियो से राज्य सरकार को नीचा नहीं दिखा सकते. आपको देखना पड़ेगा कि उससे पहले क्या था और उसके बाद क्या हुआ. अगर हमारे पुलिसकर्मी इसमें शामिल थे, तो मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा."
'बेघरों को जमीन दी जाएंगी'
सरमा ने इसी साल जून में कृषि उद्देश्यों में युवाओं के रोजगार के लिए सरकार के स्वामित्व वाली 77,000 बीघा से अधिक भूमि से अतिक्रमण हटाने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि 2-3 हजार परिवार 27 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा नहीं कर सकते.
"27 हजार एकड़ की जमीन पर कैसे 2 से 3 हजार परिवारों द्वारा कब्जा किया जा सकता है? बेघर लोग, बाढ़ में जिन लोगों के घर गए हैं, वो सरकार से जमीन की मांग कर रहे हैं. बाकी गरीब लोग कहां जाएंगे?"हिमंता बिस्वा सरमा, मुख्यमंत्री, असम
सरमा ने कहा कि बेघर लोगों को जमीन दी जाएगी, पहले हुई चर्चा में पॉलिसी के आधार पर सभी को 2 एकड़ जमीन देने की बात हुई थी.
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