कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में ABVP छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया है. यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर घुसने में नाकाम होने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन बंद दिया. छात्र कोलकाता के गोलपार्क से यूनिवर्सिटी कैंपस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बीच में ही उन्हें रोक लिया. पुलिस और छात्रों के बीच जमकर झड़प भी हुई थी. पूरा हंगामा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर हुए हमले के विरोध में शुरू हुआ था.
बीजेपी और एबीवीपी का कहना है कि छात्र संगठन एसएफआई के सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री सुप्रियो के साथ मारपीट की. वहीं लेफ्ट छात्र संगठनों का कहना है कि हमें यूनिवर्सिटी में शिक्षा चाहिए धर्म की राजनीति नहीं.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के ही एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा.
कथित बाल खींचने वाले छात्र ने कहा- माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता
यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो के कथित बाल खींचने वाले छात्र ने सोमवार, 23 सितंबर को मंत्री से माफी मांगने से मना कर दिया. छात्र ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर बीजेपी सांसद के बाल नहीं खींचे, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता.
एबीवीपी छात्रों ने खत्म किया प्रदर्शन
जादवपुर यूनिवर्सिटी में अंदर जाने में नाकाम एबीवीपी प्रदर्शनकारियों ने परिसर के बाहर बैठकर अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया.
ममता बोलीं- लोकतंत्र मे प्रोटेस्ट जरूरी
कोलकाता में एबीवीपी के प्रदर्शन पर ममता बनर्जी का बयान आया है. ममता ने कहा कि मैं मानती हूं लोकतंत्र में प्रोटेस्ट जरूरी है. जिस दिन प्रोटेस्ट अपनी अहमियत खो देगा उस दिन भारत-भारत बनना बंद हो जाएगा. बंगाल में अभी भी लोकतंत्र है, लेकिन कुछ जगहों पर लोकतंत्र नहीं है. हमने देखा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में क्या हुआ था.
जादवपुर यूनिवर्सिटी के बाहर हंगामा शुरू
कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में बाबुल सुप्रियो के साथ हुई झड़प के बाद अब एबीवीपी छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है. एबीवीपी छात्र यूनिवर्सिटी में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन पुलिस ने बीच में बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक लिया है. पुलिस के रोके जाने पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया और पत्थरबाजी भी हुई है. छात्रों ने पुलिस बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश की.
- 01/03
- 02/03
- 03/03