अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संघ दफ्तर में पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मशहूर गीतकार और संवाद लेखक जावेद अख्तर ने तस्वीर का विरोध कर रहे हिंदूवादी संगठनों की खिंचाई की है. उन्होंने कहा है कि एएमयू में जिन्ना की तस्वीर शर्मनाक है लेकिन जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें गोडसे के सम्मान में बने मंदिर का भी विरोध करना चाहिए.
तूल पकड़ता जा रहा है जिन्ना विवाद
अख्तर ने ट्विटर पर लिखा है जिन्ना न तो एएमयू के स्टूडेंट थे और न ही टीचर. यह शर्मनाक है कि उनकी तस्वीर वहां है. प्रशासन और स्टूडेंट्स को खुद उनकी तस्वीर हटा देनी चाहिए. लेकिन जो लोग जिन्ना की तस्वीर का विरोध कर रहे हैं उन्हें गोडसे के सम्मान में बने मंदिरों का भी विरोध करना चाहिए.
हिंदूवादी संगठनों और पुलिस में झड़प
एएमयू के छात्र संघ दफ्तर में लगे जिन्ना की तस्वीर के खिलाफ अलीगढ़ के बीजेपी विधायक सतीश गौतम मैदान में उतर आए हैं.बुधवार को इसके विरोध में कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई. एएमयू के प्रवक्ता शैफी किदवई यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर होने का समर्थन किया है.
शैफी ने कहा
जिन्ना एएमयू कोर्ट के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्र संघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी. परंपरा के मुताबिक स्टूडेंट यूनियन के दफ्तर में सभी आजीवन सदस्यों की तस्वीर लगाई जाती है.शैफी किदवई, प्रवक्ता एएमयू
बुधवार को जिन्ना की तस्वीर का विरोध कर रहे कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए थे. इनमें छह लोग घायल हो गए. पुलिस को उन एएमयू स्टूडेंट्स को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जो जिन्ना की तस्वीर का विरोध करने आए कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे.
एएमयू स्टूडेंट्स का आरोप है कि जिन्ना की तस्वीर का विरोध करने वाले हिंदू युवा वाहिनी के लोग थे. उन्हें हिरासत में लेकर कुछ देर थाने में बिठाए रखा गया.
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