झारखंड में कायम राजनीतिक अनिश्चितता (Jharkhand Political Crisis) के बीच सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों का कुनबा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में है और वहीं से हेमंत सरकार की बहुमत की सरकार को खरीद-फरोख्त से बचाए रखने का दावा कर रहा है. 'रायपुर आने की जरुरत क्यों पड़ी' के सवाल पर मीडिया से बात करते हुए हुए कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे ने कहा कि “अगर आपके घर में चोरी का डर होगा तो आप अपने दरवाजे-ताले को मजबूत करेंगे या नहीं?”
“अगर हमलोग एक साथ रह कर अपनी बहुमत की सरकार को बचाना चाहते हैं तो यह हमारा अधिकार है.दीपिका पांडे , कांग्रेस विधायक
JMM के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने मीडिया से ही सवाल करते हुए पूछा कि “क्या आप यही सवाल कथित तौर पर विधायकों को खरीदने की कोशिश करने वालों से आंख मिलाकर पूछ सकते हैं. क्या आपने महाराष्ट्र में यह सवाल किया?”
बता दें कि यूपीए के 32 विधायकों को रायपुर के रिजॉर्ट मेफेयर में रखा गया है. ये विधायक 30 अगस्त को स्पेशल फ्लाइट से रायपुर के लिए रवाना हुए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर इन्हें खुद इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट पर बिठाकर आवास लौट आए थे.
यूपीए ने यह कदम बीजेपी की ओर से हॉर्सट्रेडिंग की आशंकाओं को देखते हुए उठाया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रांची में मीडिया से बातचीत में केंद्र की बीजेपी सरकार पर सभी गैर बीजेपी सरकारों को परेशान करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के साजिश का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि इन व्यापारियों का खरीद-फरोख्त के सिवा कोई दूसरा काम ही नहीं है. पर हम इन व्यापारियों को जवाब देंगे.
CM हेमंत सोरेन की विधायकी पर दो दिन में आएगा फैसला
गुरुवार, 1 अगस्त को जब UPA प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर विधायकी पर फैसले की देरी पर सवाल किया तो राज्यपाल ने जवाब दिया कि कुछ कानूनी सलाह ली जा रही है और अगले दो दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा. कांग्रेस के MP गीता कोड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने स्वीकार किया है कि चुनाव आयोग से पत्र मिला है.
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