यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने मृगांका सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. मृगांका, दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं, इससे पहले पिता के सानिध्य में वो कैराना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. मृगांका का मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल उम्मीदवार तबस्सुम हसन से है, जिन्हें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसी पार्टियों का समर्थन हासिल है. ऐसे में साफ है कि मुकाबला 'दिग्गज राजनीतिक परिवार ' की दो महिलाओं के बीच है.
मृगांका Vs तबस्सुम किसका पलड़ा भारी
तबस्सुम हसन के परिवार का कैराना में दबदबा
तबस्सुम हसन खुद 2009 में कैराना सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद रह चुकी हैं. उनके पति मुनव्वर हसन 1996 में यहां से सांसद थे और बाद में 2004 में वो बहुजन समाज पार्टी से मुजफ्फरनगर के सांसद बने. तबस्सुम के ससुर अख्तर हसन 1984 में कैराना से कांग्रेस के सांसद थे. तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन कैराना विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. यानी तबस्सुम के परिवार का कैराना लोकसभा ही नहीं बल्कि मुजफ्फरनगर लोकसभा में भी काफी दखल है. इस क्षेत्र की तीन बड़ी पार्टियों कांग्रेस, बीएसपी और एसपी से इस परिवार के रिश्ते तीन पीढ़ी पुराने हैं. अब आरएलडी से भी रिश्ता जुड़ गया है और इस रिश्ते को बाकी तीन पार्टियों का समर्थन हैं.
2014 में कैराना से तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन ने चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें बीजेपी के हुकुम सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा. मगर इस बार खुद तबस्सुम तीन पीढ़ियों की विरासत और चार दलों के समर्थन का आधार लेकर मैदान में उतरेंगी.
मृगांका सिंह को पिता की विरासत का साथ
मृगांका सिंह को अब बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. उनके पिता हुकुम सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे. हुकुम सिंह पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 1974 में कैराना के विधायक बने थे. उसके बाद 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) और फिर 1985 में कांग्रेस से विधानसभा पहुंचे. 1996 से 2014 तक लगातार बीजेपी से विधायक रहे और फिर संसद पहुंचे. मतलब साफ है कि मृगांका सिंह को अपने पिता के इस इलाके में रसूख का पूरा साथ मिलेगा.
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