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महागठबंधन के दम पर बेगूसराय से चुनावी ताल ठोकेंगे कन्हैया कुमार?

आरजेडी ने क्विंट से कहा, “कन्हैया एक अच्छे उम्मीदवार हैं. हम उनके बारे में विचार कर रहे हैं.”

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार 2019 लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कन्हैया, बतौर महागठबंधन उम्मीदवार, बिहार की बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ेंगे.

क्विंट हिंदी से बातचीत में कन्हैया कुमार ने कहा, “महागठबंधन की पार्टियों के साथ अनौपचारिक रूप से बातचीत जारी है. बिहार की बेगूसराय से चुनाव लड़ने को तैयार हूं. वैसे पार्टी जो फैसला करेगी वो स्वीकार्य होगा.”

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कन्हैया कुमार ने ये भी जोड़ा कि वो सरकार के खिलाफ पहले ही लड़ रहे हैं और पार्टी की तरफ से जिम्मेदारी सौंपे जाने पर पीछे नहीं हटेंगे. वहीं आरजेडी सूत्रों ने क्विंट से कहा, “कन्हैया एक अच्छे उम्मीदवार हैं. हम उनके बारे में विचार कर रहे हैं.”

बता दें, पिछले दिनों कन्हैया एम्स में लालू प्रसाद यादव से उनकी सेहद का हाल चाल जानने गए थे. और इससे पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के खिलाफ हुए आरजेडी के प्रदर्शन में मंच पर कन्हैया कुमार भी नजर आए थे. प्रदर्शन की कमान तेजस्वी खुद संभाल रहे थे. ये दोनों युवा नेताओं की नजदीकी भी दिखाता है.

महागठबंधन में उम्मीदवारी

बिहार के महागठबंधन में कांग्रेस, आरजेडी, एनसीपी, जीतनराम मांझी का हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, शरद यादव के जनता दल समेत लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं. युवा छात्र नेता कन्हैया कुमार सीपीआई के निशान पर चुनाव लड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि, कांग्रेस, आरजेडी समेत महागठबंधन की सभी पार्टियां उनका समर्थन करेंगी. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव इस वक्त महागठबंधन के पांव जमाने के लिए मेहनत करते दिख रहे हैं.

हालांकि अभी इस खबर का आधिकारिक रूप से ऐलान नहीं किया गया है. औपचारिक रूप से महागठबंधन की सभी पार्टियों की मीटिंग के बाद ही इस बात का ऐलान किया जाएगा.

बेगूसराय के ही हैं कन्हैया

बता दें, कन्हैया बेगूसराय जिले के बरौनी ब्लॉक में बीहट पंचायत के रहने वाले हैं. उनकी मां मीना देवी आंगनबाड़ी सेविका हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में बेगूसराय सीट पर बीजेपी के भोला सिंह ने आरजेडी के तनवीर हसन को हराया था.

दिल्ली के जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को एक घटनाक्रम के बाद छात्रसंघ नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद सुर्खियों में आए थे. इसके बाद कुछ समय उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था.

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