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कांग्रेस की हार पर बोले सिब्बल-लोग 'घर की कांग्रेस' चाहते हैं, नेतृत्व पर सवाल

Kapil Sibal ने कहा कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक और 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं.

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एक के बाद एक चुनावों में लगातार करारी हार का सामना कर रही कांग्रेस (Congress) को अपने ही नेताओं का तंज झेलना पड़ रहा है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में हुई पार्टी की हार के बाद खुलकर अपनी बात कही.

उन्होंने कहा कि नजीतों से वो बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शीर्ष नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है.

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2014 से लगभग 177 सांसद और विधायक कांग्रेस छोड़ चुके-सिब्बल 

कपिल सिब्बल ने कहा कि हम 2014 से नीचे की ओर जा रहे हैं. हमने राज्य दर राज्य खोया है. जहां हम सफल हुए वहां भी सबको एक साथ नहीं रख पाए. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने साथ छोड़ दिया. 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद और विधायक और 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं.

सिब्बल ने कहा कि हमें समय-समय पर अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है. जिन राज्यों में हम प्रासंगिक होने की उम्मीद करते हैं, वहां वोटों का प्रतिशत लगभग न के बराबर है. उत्तर प्रदेश में हमारे पास वोट शेयर का 2.33% है. 2014 के बाद से, जवाबदेही का आभाव, घटती स्वीकार्यता और पहुंच बढ़ाने के लिए बहुत कम प्रयास हुए हैं. यही असली समस्या है.

8 सालों से हार का कारण नहीं ढूंढ पाए

14 मार्च को कांग्रेस पार्टी ने अपनी CWC मीटिंग में एक बार फिर चिंतन शिविर में जाने का फैसला किया है. इसपर भी कपिल सिब्बल ने कहा कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए हमारे पास एक चिंतन शिविर होगा. आठ साल तक एक राजनीतिक दल और इसके नेतृत्व को पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है. इसके लिए अब चिंतन शिविर का इंतजार किया जा रहा है. हम अपनी आंखें उस वास्तविकता से बंद कर रहे हैं जो हमारे सामने है.

"सीडब्ल्यूसी के लोग और हमारी पार्टी के प्रमुख नेता, कुछ अपवादों को छोड़कर, शायद महसूस करते हैं कि गांधी परिवार के बिना, कांग्रेस अपना अस्तित्व खओ देगी. यह एक संभावित दृष्टिकोण है. यह एक ऐसा दृष्टिकोण नहीं है जिसे हम में से बहुत से लोग सहमत हों."
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मैं अपनी आखिरी सांस तक 'सब की कांग्रेस' के लिए लड़ूंगा-सिब्बल

इस सवाल के जवाब में कि क्या कांग्रेस के टॉप लीडरशिप को अब खुद ही साइड हो जाना चाहिए, कपिल सिब्बल ने कहा,

मैं दूसरों की ओर से बात नहीं कर सकता. ये मेरा निजी विचार है कि आज कम से कम मुझे 'सब की कांग्रेस' चाहिए. कुछ लोग 'घर की कांग्रेस' चाहते हैं. मैं निश्चित रूप से 'घर की कांग्रेस' नहीं चाहता और मैं अपनी आखिरी सांस तक 'सब की कांग्रेस' के लिए लड़ूंगा. इस 'सब की कांग्रेस' का मतलब सिर्फ एक साथ आना नहीं है, बल्कि भारत में उन सभी लोगों को एक साथ लाना है जो बीजेपी को नहीं चाहते हैं.
कपिल सिब्बल, नेता, कांग्रेस
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इस सवाल पर कि कई लोगों ने कहा है कि राहुल गांधी को फिर से सत्ता की बागडोर संभालनी चाहिए सिब्बल ने कहा, मुझे यह बिल्कुल समझ में नहीं आता है. ऐसा कहने वालों ने स्पष्ट रूप से इस पर विचार नहीं किया है. अब हम मान रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं और सोनिया गांधी हैं. राहुल गांधी पंजाब गए और घोषणा की कि चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे. उसने ऐसा किस हैसियत से किया? वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वे सभी निर्णय लेते हैं. वह पहले से ही वास्तविक अध्यक्ष हैं. तो उनसे क्यों कह रहे हैं कि उन्हें अध्यक्ष की बागडोर वापस लेनी चाहिए.

इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस

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