पिछले लोकसभा चुनाव के बाद एक ऐसा माहौल सा बन गया है कि हर चुनाव 'युद्ध' लगता है. कर्नाटक चुनाव को इससे पहले इतनी कवरेज कभी नहीं मिली. जाहिर है कि इतनी कवरेज देखने के बाद नेता भी उत्साहित हैं और तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं. नतीजों में अब बस कुछ ही घंटे का वक्त बाकी रह गया है और बीजेपी के सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा ने दावा किया है कि वो सरकार बनाएंगे और पीएम से मिलने कल दिल्ली जाएंगे.
सिद्धारमैया का 'त्यागभरा' बयान भी वोटिंग के बाद
लगे हाथ येदियुरप्पा ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से पूछा है कि 'दलित को सीएम की कुर्सी पर बैठा देने वाला बयान' उन्होंने 15 दिन पहले क्यों नहीं दिया? बता दें कि रविवार को सिद्धारमैया ने कहा था कि अगर आलाकमान फैसला करता है तो वो किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सहमत होंगे.
राजनीतिक हल्कों में उनके इस बयान को खंडित जनादेश के हालात में जनता दल ( एस ) से गठबंधन करने की ओर इशारा करने के रूप में माना गया. सिद्धारमैया का ये 'त्याग भरा' बयान भी वोटिंग के बाद ही आया था. चुनाव से पहले उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस कर्नाटक में बहुमत हासिल करेगी और वो सीएम बनेंगे.
अमित शाह को 130 सीट का भरोसा, कांग्रेस का कटाक्ष
वोटिंग से पहले अमित शाह ने दावा किया था कि उनकी पार्टी 224 में से 130 सीटें जीतेगी. उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी का साथ न लेंगे और न किसी पार्टी का साथ देंगे. अब ऐसे ही दावों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शाह को घेरा है. उन्होंने कहा कि अमित शाह, गुजरात में 150 सीट जीतने का दावा कर चुके हैं. कितनी सीट जीत पाएं? गुलाम नबी आजाद का मानना है कि ये दावा वही कर सकता है जिसने चुनाव में कोई न कोई धांधली की हो.
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘कर्नाटक में वोट हासिल करने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की गई. चुनाव खत्म होते ही दाम बढ़ा दिए गए. एक बार फिर राज्य और देश की जनता के साथ धोखा हुआ है.'' उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में लोगों को पहली चपत लगी है.
मंगलवार को आएंगे नतीजे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आएंगे. किसी को भी बहुमत नहीं मिलने का अनुमान अभी लगाया जा रहा है. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का जनता दल ( एस ) ‘ किंगमेकर ' की भूमिका निभा सकता है. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था.
आर . आर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था. जयनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था. अगर कांग्रेस के पक्ष में साफ जनादेश जाता है तो 1985 के बाद ये पहली बार होगा जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी. 1985 में तत्कालीन जनता दल ने रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी.
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