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कर्नाटक में किसका करिश्मा, अब तक के 5 बड़े ओपिनियन पोल का निचोड़

अब तक के 5 ओपिनियन पोल किस तरफ इशारा कर रहे हैं, जानिए खास बातें

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर, रैलियां और रोड शो थम चुके हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया है कि उनकी पार्टी इस चुनाव में कम से कम 130 सीटें जीतेगी. कांग्रेस भी बहुमत से सरकार बनाने का भरोसा जता रही है. 224 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में सिर्फ बीजेपी-कांग्रेस ही नहीं, पूर्व पीएम देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर भी पूरे दमखम के साथ मैदान में है. JDS को किंगमेकर बताया जा रहा है.

ऐसे में जनता क्या सोचती है, ये जानने के लिए कई चैनलों और एजेंसियों ने अप्रैल-मई में ओपिनियन पोल कराए.

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ज्यादातर पोल में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान लगाया गया है.

एबीपी न्यूज, इंडिया टुडे के पोल में किसी को बहुमत नहीं

एबीपी न्यूज चैनल, इंडिया टुडे के अलग-अलग ओपिनियन पोल के आंकड़े कुछ-कुछ एक तरह के दिख रहे हैं. दोनों में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलते नहीं दिखाया गया है.

एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 92-102 सीट, बीजेपी को 79-89 सीट और जेडीएस को 32-42 मिलते दिखाया गया है. वोट शेयर की बात करें, तो कांग्रेस को 38%, बीजेपी को 33% और जेडीएस को 22% वोट मिलने का अनुमान बताया गया है. वहीं इंडिया टुडे के ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 90-101 सीट और बीजेपी को 78-86 सीट मिलते दिखाया गया है

‘जन की बात’ में बीजेपी आगे

3 मई को जारी ‘जन की बात’ के ओपिनियन पोल में बीजेपी को 102-108 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, हालांकि बहुमत आंकड़ा 113 सीटों का है. इस पोल में कांग्रेस को 72-74 सीट और जेडीएस को 42-44 सीट का अनुमान है.

C-फोर के पोल में कांग्रेस को बहुमत

अप्रैल में जारी C-फोर के सर्वे में कांग्रेस को साफ बहुमत मिलता दिखाया गया. इस पोल के अनुमान के मुताबिक, कांग्रेस को 118-128 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 63-73 और जेडीएस को 29-36 सीटें मिलने का अनुमान है. टाइम्स नाउ-वीएमआर के सर्वे में बीजेपी-कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर का अनुमान है. बीजेपी को 89 और कांग्रेस को 91 सीटें मिलती दिखाई गई हैं.

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आखिर किन मुद्दों के दमपर बीजेपी-कांग्रेस लड़ रहे हैं चुनाव

रैली, रोड शो, सोशल मीडिया और भाषणबाजी के लिहाज से ये चुनाव काफी खास और रोचक बन जाता है. बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस ने जमकर एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार किया. बीजेपी-कांग्रेस अपनी उपलब्धियां छोड़, ज्यादा ध्यान दूसरों की गलतियों पर लगाए हुए थे.

ऐसे में जहां बीजेपी ने हिंदुत्व, लिंगायत और सिद्धारमैया सरकार के कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया. वहीं कांग्रेस ने कन्नड़ अस्मिता, पीएनबी-नीरव घोटाला और केंद्र सरकार के कथित खोखले वादों पर फोकस किया था. दोनों पार्टियों के किस मुद्दे में कितना दम था, इसका अंदाजा 12 मई को आने वाले एग्‍ज‍िट पोल के नतीजों से लग जाएगा. बता दें कि चुनाव के नतीजे 15 मई को आएंगे.

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