कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है. अब बीजेपी और कांग्रेस 12 मई के वोटिंग की तैयारी में जुट गई हैं. लेकिन जबरदस्त टोपी उछाल वाले प्रचार अभियान मेंं कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे की कमजोर नस दबाने में कसर नहीं छोड़ी.
बीजेपी के एजेंडे में हिदुत्व मुद्दा सबसे ऊपर था, लेकिन कैसे इसे उभारा गया ये जानना बहुत रोचक है. इसी तरह कांग्रेस ने लिंगायत वोटरों को बीजेपी से तोड़ने के लिए क्या किया और कितना किया इसमें भी कई राज छिपे हैं. आइए कर्नाटक की इस चुनावी थ्रिलर कहानी को डिकोड करते हैं.
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बीजेपी ने उछाले ये मुद्दे
- बाकी कई चुनावों की तरह इस चुनाव में भी हिंदुत्व का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा. बीजेपी की तरफ से इस मुद्दे को खूब उछाला गया. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया के बारे में कहा कि वो हिंदू नहीं है. पार्टी ने आरोप लगाया कि हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं और उनके काफी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है.
- कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत का काफी दबदबा है. पूरे चुनाव में ये सुर्खियों में रहा. एक तरफ जहां चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया, वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को बांटने की कोशिश के तहत ऐसा किया गया है.
- बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी जमकर उछाला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य के सीएम सिद्धारमैया पर कई बार हमला बोला. पीएम मोदी ने सिद्धारमैया सरकार को 'सीधा रुपैया सरकार' तक कह डाला और कहा कि कर्नाटक में पैसे से ही हर काम होता है. अमित शाह ने भी सिद्धारमैया को सबसे भ्रष्ट सीएम बताया था.
- पार्टी की तरफ से सिद्धारमैया सरकार पर बेंगलुरु शहर को तहस करने का आरोप लगाया गया. बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि राज्य के विकास के लिए केंद्र से फंड आते रहे हैं लेकिन बेंगलुरु में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ. बेंगलुरु को रेप सिटी और क्राइम सिटी बना दिया गया.
- किसान और गरीबी के मुद्दे को बीजेपी ने जमकर भुनाने की कोशिश की. पीएम ने इस चुनाव में कई बार खुद को 'कामदार' बताते हुए अपने को गरीब का बेटा बताया. मोदी ने एक रैली के दौरान कहा, कांग्रेस ने सालों तक बार-बार गरीबी की बात की है लेकिन जब एक गरीब मां का बेटा प्रधानमंत्री बना तो उसने चुप्पी साध ली. किसान के मुद्दे को भी बीजेपी ने जमकर उछाला. मोदी ने कहा, 'जिन लोगों ने किसानों की हमेशा उपेक्षा की वे आज किसान के हितों की बात कर रहे हैं.'
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कांग्रेस ने उठाये ये मुद्दे
- कांग्रेस की तरफ से भी इस चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया. रेड्डी बंधु और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के मामले के साथ-साथ अमित शाह-जय शाह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पार्टी ने इस मुद्दे को जमकर भुनाने की कोशिश की.
- चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने पीएनबी घोटाला, नीरव मोदी और विजय माल्या के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. राहुल गांधी ने कई बार इस मुद्दे पर पीएम मोदी को घेरा. राहुल ने कहा पीएम मोदी खुद को देश का चौकीदार कहते हैं लेकिन नीरव मोदी भाग गया. ललित मोदी भाग गया. विजय माल्या भाग गया और देश के चौकीदार ने कुछ नहीं किया.
- कांग्रेस की तरफ से रोजगार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया. इस मुद्दे पर पीएम मोदी और बीजेपी को घेरने की भी जमकर कोशिशें हुई. राहुल ने कई बार कहा कि पीएम ने युवाओं को रोजगार देने का अपना वादा नहीं निभाया.
- सांप्रदयिकता का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा. कांग्रेस ने बीजेपी पर सांप्रदयिक पार्टी होने का आरोप लगाया. सिद्धारमैया ने कहा, बीजेपी सांप्रदायिक पार्टी है, चाहे वो केंद्र में हो या राज्य में वो एक सांप्रदायिक पार्टी ही हैं. बीजेपी माहौल खराब कर रही है. समाज की शांति भंग कर रही है.
- चुनाव प्रचार के दौरान रेप और महिलाओं पर होनेवाले अपराध के मुद्दे छाए रहे. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी को कई बार घेरने की कोशिश की. कठुआ और उन्नाव मामले को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि अब पीएम मोदी का नारा बदल गया है, अब नया नारा है 'बेटी बचाओ बीजेपी के एमएलए से'.
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कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा. कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से जीत के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन कर्नाटक का असली किंग कौन बनेगा इस बात का फैसला तो 15 मई को ही होगा.
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