लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri voilence) मामले में गिरफ्तार हुए केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) को तीन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. यूपी पुलिस की तरफ से मिश्र की 14 दिन की कस्टडी मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट ने पुलिस को 3 दिन की कस्टडी दी है. इससे पहले उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, लेकिन पुलिस ने कस्टडी के लिए तर्क दिया कि उन्हें पूछताछ करनी है.
बता दें कि यूपी के लखीमपुर खीरी में कुछ किसान बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. तभी अचानक तीन कारों का एक काफिला उन्हें रौंदता हुआ चला गया. बताया गया कि ये काफिला केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू भैय्या का है. किसानों ने आरोप लगाया कि इस दौरान आशीष भी कार में मौजूद था.
सुप्रीम फटकार के बाद एक्शन में पुलिस
इस मामले को लेकर पुलिस ने पहले तो लापरवाही बरती. दबाव बनने के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली गई, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. जब घटना को करीब चार दिन बीत गए और तमाम विपक्षी दलों समेत किसान गिरफ्तारी को लेकर योगी सरकार की आलोचना करने लगे तो सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले का संज्ञान ले लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए यूपी सरकार से पूछा कि अब तक इस मामले में कितने लोग गिरफ्तार हुए हैं, कोर्ट में जवाब देने से ठीक पहले यूपी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया और बताया कि मंत्री के बेटे को नोटिस भेजा है.
दूसरे नोटिस पर पूछताछ के लिए हाजिर हुए आशीष मिश्र को 12 घंटे तक पुलिस ने कथित पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. बताया गया कि इतना वक्त इसलिए लगा क्योंकि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे.
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