उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 3 सितंबर को लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में भड़की हिंसा में अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है.
इस घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे पर किसानों को अपनी एसयूवी के नीचे कुचलने का आरोप है. इस मामले को लेकर विपक्षी नेता जहां मौके पर पहुंचने की कोशिश में हैं, वहीं ट्विटर पर भी खूब बयानबाजी चल रही है. विपक्ष ने योगी सरकार को इस मुद्दे पर जमकर घेरा है.
बघेल बोले- पीएम ने नहीं किया कोई ट्वीट
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है इससे उनकी (BJP) मानसिकता झलकती है यदि आप उनके खिलाफ खड़े होते हैं तो आप को कुचल दिया जाएगा.
उन्होंने इस घटना पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा,
"इतनी बड़ी घटना हो गई, प्रधानमंत्री की तरफ से न कोई ट्वीट आया है, न भाजपा की तरफ से कोई वक्तव्य आया है."
इससे पहले उन्होंने कहा था कि लखीमपुर की घटना कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि मर्डर है. बीजेपी अपने खिलाफ उठने वाले किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर सकती. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की भी मांग की.
मायावती ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने लखीमपुर घटना पर कहा कि यह बीजेपी सरकार की तानाशाही और क्रूरता को दिखाता है जो कि इनका असली चेहरा भी है. उन्होंने आगे कहा कि,
"इस घटना के सम्बंध में भी पीड़ितों को सरकार से उचित न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट इस दुःखद घटना का स्वंय ही संज्ञान ले, बीएसपी की यह मांग. साथ ही, बीएसपी के स्थानीय प्रतिनिधिमण्डल को भी घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया है."
सिसोदिया ने भी की आलोचना
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने लखीमपुर की घटना पर अपना बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा,
सारे देश और दुनिया ने देखा है कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों को अपनी गाड़ी के तले रौंदा है, उनकी हत्या की है, लेकिन बेशर्मी से योगी आदीत्यनाथ जी की सरकार ने उत्तर प्रदेश को जंगल राज बना दिया है और पूरे प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंक रखा है.
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाए जाने और उनके बेटे को गिरफ्तार करने की मांग की.
शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और केंद्र सरकार से अपील की कि वह घमंड छोड़ कर तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दें, ताकि किसानों की जिंदगियां बचाई जा सके.
चरणजीत सिंह चन्नी - मुख्यमंत्री, पंजाब
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस घटना के बाद लखीमपुर जाने का फैसला किया लेकिन उन्हें यूपी पुलिस के द्वारा रोक दिया गया. चन्नी ने कहा कि वह दुख की घड़ी में अपने किसान भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं और जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनके साथ संवेदना प्रकट करते हैं.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी ऐलान किया कि कल देशभर में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों के ऑफिस का घेराव किया जाएगा. एक देशव्यापी आंदोलन होगा. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री से अपील की कि जो भी लोग इसमें जिम्मेदार हैं के खिलाफ जल्द कार्यवाही की जाए.
ममता बनर्जी का बीजेपी पर हमला
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना पर कहा कि,
"यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इस घटना की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. वे (भाजपा सरकार) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते, वे केवल निरंकुशता चाहते हैं. क्या यही है 'राम राज्य'? नहीं, यह 'राज्य की हत्या' है"
लखीमपुर की इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि, लोग चाहते हैं कि पीड़ितों को न्याय मिले लेकिन बीजेपी नेता का बेटा होने के चलते उस पर कार्यवाही नहीं हो रही है. उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से गुंडाराज कायम हो चुका है.
अखिलेश ने अंग्रेजों से की तुलना
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी की घटना पर बीजेपी की तुलना अंग्रेजों से की. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बीजेपी अपने किसानों पर अत्याचार कर रही है उस तरह कभी अंग्रेजों ने भी किसानों पर नहीं किया होगा.
उन्होंने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की और साथ ही कहा कि पीड़ित परिवारों को 2 करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए.
खट्टर का विवादित बयान
लखीमपुर खीरी की हिंसा के बाद आया हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बयान काफी हैरान करने वाला है. उन्होंने बीजेपी किसान मोर्चा को संबोधित करते हुए उन्हें विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ जैसे को तैसा करने के लिए कहा है.
उन्होंने बीजेपी किसान मोर्चा को सलाह दी कि उत्तर और पश्चिम हरियाणा के हर जिले में अलग-अलग जगहों पर 700 से 1,000 किसानों के समूह तैयार किए जाएं ताकि जो किसान विरोध कर रहे हैं उनके साथ "जैसे को तैसा" किया जा सके. उन्होंने अपने समर्थकों को डंडा उठाने की भी सलाह दे डाली.
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