रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में अचानक भूचाल आया, जिसने चिराग पासवान की मुश्किलों को बढ़ा दिया. चाचा पशुपति पारस की बगावत और उसके बाद मोदी सरकार की तरफ से उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने से चिराग खासे नाराज हैं. लेकिन इसी बीच लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने चिराग पासवान को लेकर नई अटकलें शुरू कर दी हैं. लालू ने कहा है कि वो बेटे तेजस्वी यादव और चिराग पासवान को साथ देखना चाहते हैं. जिसके बाद इसे लेकर खुद चिराग पासवान ने भी जवाब दिया.
लालू के बयान पर चिराग ने दिया जवाब
लालू ने ये साफ किया है कि वो बिहार में आरजेडी और एलजेपी को साथ लेकर चलना चाहते हैं. उन्होंने इसे लेकर कहा, मैं दोनों को एक साथ देखना चाहता हूं. उनकी पार्टी में जो कुछ भी हुआ, लेकिन चिराग पासवान अपनी पार्टी एलजेपी के नेता के तौर पर ही रहेंगे.
लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया. कहा गया कि जल्द एलजेपी और आरजेडी का गठबंधन देखने को मिल सकता है. लेकिन इन तमाम अटकलों को लेकर चिराग पासवान ने खुद सामने आकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि,
"मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन फिलहाल मेरी प्राथमिकता आशीर्वाद यात्रा और अपनी पार्टी को मजबूत करना है. बिहार और यूपी में किसी भी तरह के गठबंधन पर चुनाव से ठीक पहले चर्चा होगी."
लालू यादव की नेताओं से लगातार मुलाकात
बता दें कि लालू प्रसाद यादव जमानत मिलने के बाद से ही राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं. यूपी चुनाव से ठीक पहले उन्होंने नेताओं से मुलाकातों का सिलसिला शुरू कर दिया है. इससे पहले उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं में काफी देर तक बातचीत हुई. वहीं लालू यादव ने यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव से भी दिल्ली में मुलाकात की थी. जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि लालू यूपी चुनाव और 2024 की तैयारियों में जुटे हैं.
बता दें कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के रिश्ते काफी अच्छे माने जाते हैं. भले ही दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आए हों, लेकिन बिहार चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने खुलकर तेजस्वी को अपना छोटा भाई बताया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)