महाराष्ट्र में रोज नए समीकरण बन रहे हैं. बीजेपी के पिक्चर से बाहर होने के बाद कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर बैठकों का दौर जारी है. हर बार तीनों पार्टियों में से कोई नेता सामने आकर बयान देता है और सस्पेंस खत्म होने की बजाय और बढ़ जाता है. अब खबर है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शिवसेना के साथ गठबंधन को हरी झंडी मिल चुकी है. हालांकि अभी तक किसी भी बड़े नेता ने ये बाद कबूल नहीं की है.
कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार सीडब्ल्यूसी ने शिवसेना के साथ गठबंधन को हरी झंडी दे दी है. सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने एनसीपी के साथ अपनी बातचीत के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी है."
अब कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना नेताओं के बीच गुरुवार रात एक बैठक होने जा रही है. मुंबई में होने वाली इस बैठक में गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर घोषणा हो सकती है.
बता दें कि कांग्रेस-एनसीपी के बीच बुधवार को पांच घंटे की लंबी बैठक चली थी, जो लगभग आधी रात खत्म हुई और उसके बाद फोन पर शिवसेना के साथ एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बनी थी.
राउत बोले- कोई 50-50 फॉर्मूला नहीं
जहां शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले को लेकर बीजेपी से नाता तोड़ा, वहीं खबरें सामने आ रही थीं कि अब एनसीपी और शिवसेना के बीच ऐसा ही एक फॉर्मूला तय हुआ है. लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत ने ऐसी सभी खबरों पर विराम लगा दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. सीएम पद को लेकर चलाई जा रही ऐसी खबरें गलत हैं.
बता दें कि न्यूज एजेंसी PTI ने एनसीपी सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा, जिसमें पहली बारी शिवसेना की होगी. वहीं कांग्रेस के पास 5 साल के लिए उपमुख्यमंत्री पद रहेगा.
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