उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार, मोदी सरकार की मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन योजना टाल सकती है. एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने मंगलवार को इस योजना को टालने का संकेत दिया है. पाटिल ने कहा है कि राज्य सरकार ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राज्य पर '4 लाख 71 हजार करोड़ रुपये के कर्ज' को देखते हुए क्या बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं को टाला जा सकता है.
पाटिल का ये बयान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में जारी सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा करने का आदेश देने के बाद आया है.
पाटिल ने एक टीवी चैनल से कहा-
“राज्य पर चार लाख 71 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. हमलोग इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि राज्य के विकास के लिए कौन सी परियोजना महत्वपूर्ण है और क्या बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं को आगे टाला जा सकता है.”
पाटिल ने कहा कि इस परियोजना की व्यवहार्यता और राज्य सरकार को इसके लिए कितने पैसे चुकाने होंगे इस पर विचार करने के लिए सरकार ने एक बैठक बुलायी है. बुलेट ट्रेन परियोजना को किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है क्योंकि उसके लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण होना है.
भारत के पहले बुलेट प्रोजेक्ट पर संकट
मुंबई से अहमदाबाद के बीच करीब 508 किमी का बुलेट ट्रेन मोदी सरकार के लिए अनोखा प्रोजेक्ट है. बुलेट ट्रेन से मुंबई और अहमदाबाद के बीच सिर्फ दो घंटा सात मिनट का समय लगेगा. जापान की शिंकसेन टेक्नोलॉजी पर चलने वाली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करना तय हुआ है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रास्ते की मुख्य अड़चन है. बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है.
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