महाराष्ट्र (Maharashtra) में एमवीए (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) की सरकार पर संकट आ गया है, इस पूरे सियासी उठापटक के बीच महाराष्ट्र के बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया, ना ही देंगे. शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे इस पूरे मसले को जरूर हैंडल कर लेंगे.
महाराष्ट्र सियासी संकट पर बीजेपी और एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
एकनाथ शिंदे और शिवसेना विधायकों पर महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, "कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. न ही एकनाथ शिंदे ने बीजेपी को सरकार गठन का प्रस्ताव भेजा है और न ही बीजेपी ने उन्हें कोई प्रस्ताव भेजा है."
राज्यसभा और एमएलसी चुनावों के लिए बीजेपी को निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं. लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में आने में कुछ समय लगेगा. अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग करे. 18 जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू होगा और फिर हम इस पर गौर करेंगे.महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, "हम बाला साहेब के पक्के शिवसैनिक हैं. बाला साहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं के बारे में सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे."
दरअसल महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद से राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा था. उनके साथ कुछ विधायक भी हैं.
यह सरकार का नहीं शिवसेना का आंतरिक मामला है- शरद पवार
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, "यह सरकार का नहीं शिवसेना का आंतरिक मामला है. उद्धव ठाकरे इस मसले को जरूर हैंडल कर लेंगे. कोई ना कोई विकल्प (सरकार बचाने का) निकल जाएगा."
कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों ही साथ हैं. आज हम लोग मिलकर इस पर चर्चा करेंगे और शाम तक मीडिया को जानकारी देंगे. महाराष्ट्र सरकार को पिछले दो ढाई साल में तीसरी बार गिराने की कोशिश हुई है. मुझे याद है जब पहले उद्धव ठाकरे की सरकार बनी थी तब कुछ हमारे विधायकों को उठाकर हरियाणा और गुड़गांव में रखा गया था. लेकिन बाद में वे वहां से निकलकर वापस आ गए और हमने सरकार बनाई.शरद पवार, एनसीपी प्रमुख
उन्होंने यह भी कहा कि, ढाई साल पहले मुख्यमंत्री पद की दौड़ में एकनाथ शिंदे का नाम था लेकिन राजनीतिक समीकरण बदले और उद्धव ठाकरे खुद सीएम बन गए.
शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या एनसीपी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है? इसपर शरद पवार मुस्कुरा दिए और उन्होंने कहा कि इस सवाल का मतलब नहीं बनता. सरकार गिरती है तो एनसीपी विपक्ष में भी बैठ सकती है.
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