कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले ट्विस्ट का खेल जारी है. अध्यक्ष की रेस में शशि थरूर, दिग्विजय सिंह के बाद अब सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.
कांग्रेस के सूत्रों ने द क्विंट को बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शुक्रवार, 30 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं.
सूत्र के मुताबिक गुरुवार की देर शाम अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ एक फोन कॉल के बाद खड़गे के नाम को अंतिम रूप दिया गया.
भले ही खड़गे के नाम देर से सामने आया हो, लेकिन खड़गे हमेशा संभावित उम्मीदवारों में से एक के रूप में मैदान में थे. माना जा रहा है कि खड़गे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मौन समर्थन के साथ चुनाव लड़ेंगे.
दक्षिण भारत से आने वाले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,
"खड़गे हमेशा गिनती में थे, लेकिन उनकी उम्र और वर्तमान में विपक्ष के नेता (राज्यसभा में) की जिम्मेदारी के कारण संदेह था. लेकिन जब मुकुल वासनिक ने संकेत दिया तो खड़गे का नाम फाइनल हो गया,"
खड़गे, अपनी ओर से, यह कहते रहे हैं कि वह पार्टी द्वारा दी गई किसी भी जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार हैं, हालांकि वह हमेशा राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लौटने के प्रबल समर्थक रहे हैं.
खड़गे- जिसने 11 चुनाव जीते हैं
80 साल के खड़गे कर्नाटक के बीदर जिले के एक दलित परिवार से हैं. उन्होंने 1960 के दशक में एक छात्र नेता के रूप में अपना करियर शुरू किया और कलबुर्गी जिले (तब गुलबर्गा) के गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था.
उन्होंने कर्नाटक में नौ विधानसभा चुनाव जीते और कई बार मंत्री बने, राजस्व और गृह जैसे विभागों को संभाला.
2009 में, उन्होंने गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने और पहले श्रम विभाग और बाद में रेलवे को संभाला. वह 2014 में फिर से जीतकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता बने. हालांकि वह 2019 में हार गए लेकिन उन्हें राज्यसभा भेजा गया जहां वे 2021 में विपक्ष के नेता बने.
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