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Mamata Banerjee ने क्यों TMC सांसद महुआ मोइत्रा को दी सार्वजनिक नसीहत?

Mahua की करीमपुर लोकसभा के नेताओं ने शिकायत की थी, कहा था- वे वहां अपना समानांतर संगठन चलाती हैं

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तृणमलू कांग्रेस चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपनी ही पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को चेतावनी दी है. सार्वजनिक तौर पर दी गई इस चेतावनी में बनर्जी ने महुआ से अपनी लोकसभा सीट तक ही सीमित रहने को कहा है.

बता दें महुआ मोइत्रा से ममता बनर्जी पहली बार नाराजगी नहीं दिखा रही हैं. पिछले साल भी देवी काली पर दिए बयान से टीएमसी ने महुआ से किनारा कर लिया था. हाल में उद्योगपति अडाणी पर मोइत्रा ने मोर्चा खोला था, जिसे लेकर भी पार्टी को असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि दो दिन पहले ही ममता और अडाणी की मुलाकात हुई थी.

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बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया

इस स्टेटमेंट पर बीजेपी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि "मां काली का अपमान करने वाली महुआ मोइत्रा, जो वामपंथियों की पसंदीदा हैं, वे अपनी ही पार्टी में अवांछित हैं. ममता बनर्जी उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपमानित करती रहती हैं. ऐसा लगता है कि ऐसा होता रहा, तो वे राहुल गांधी की तरह ही सड़कों पर होंगी, हालांकि उनकी वजह बिल्कुल अलग होगी..."

क्या है पूरा मामला

महुआ मोइत्रा कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद हैं. लेकिन इससे पहले वे 2016 में करीमपुर से विधायक चुनी गई थीं. ऐसे में उनके करीबी वहां हैं और उनका उस क्षेत्र से लगाव है, लेकिन अब करीमपुर उनके लोकसभा क्षेत्र में नहीं आता.

लेकिन हाल में टीएमसी के कुछ नेताओं ने पार्टी से शिकायत में कहा था कि महुआ करीमपुर में दखल देती हैं और अपना समानांतर संगठन चलाती हैं, जिसमें उन्हें इलाके के कुछ अधिकारियों का भी सहयोग है.

ममता ने कोलकाता में इन शिकायतों पर सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि करीमपुर से अबू ताहिर प्रभारी हैं, वही वहां के मामलों को देखेंगे. यह महुआ मोइत्रा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. वह अपने लोकसभा क्षेत्र तक ही सीमित रहें.

गौतम अडाणी से ममता की मुलाकात, लेकिन दो दिन बाद ही मोइत्रा ने खोला मोर्चा

बता दें हाल में महुआ मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अडाणी के खिलाफ सेबी में शिकायत दर्ज करवाई थी. जबकि इस शिकायत के दो दिन पहले ही अडाणी और ममता बनर्जी की मुलाकात की तस्वीरें सामने आई थीं.

दरअसल ममता बनर्जी को उम्मीद है कि अडाणी बंगाल में बड़ी मात्रा में निवेश कर सकते हैं. इस प्रयोजन से ही यह बैठक आयोजित की गई थी. लेकिन इसके दो दिन बाद ही उनकी ही पार्टी की सांसद ने उद्योगपति के खिलाफ मोर्चा छेड़ दिया.

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