मायावती को एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी (BSP) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. BSP की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति और राज्य इकाइयों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों की बुधवार को हुई बैठक में मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना था. इससे सम्बन्धित सभी जरूरी प्रक्रियाएं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्रा ने पूरी कराईं.
मायावती ने 18 सितम्बर 2003 को BSP संस्थापक कांशीराम की तबीयत खराब होने के बाद पहली बार पार्टी अध्यक्ष पद संभाला था. उसके बाद 27 अगस्त 2006 वह दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुनी गयी थीं.
मायावती ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने के बाद सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह बहुजन आंदोलन के लिये पूरी तरह समर्पित हैं और इसके हित में वह ना तो कभी रुकेंगी और ना ही झुकेंगी. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को भटकाया या तोड़ा नहीं जा सकता.
मायावती ने बताया- BSP ने क्यों किया आर्टिकल 370 पर सरकार का समर्थन
BSP प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर हमेशा ही देश की एकता और अखंडता के हिमायती रहे हैं और वह जम्मू-कश्मीर में अलग से आर्टिकल 370 के प्रावधान लागू करने के पक्ष में कतई नहीं थे.
मायावती ने कहा कि यही वजह है कि BSP ने संसद में इस आर्टिकल को हटाए जाने का समर्थन किया है.
मायावती ने कांग्रेस और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या की ‘जड़’ करार देते हुए कहा कि बिना इजाजत के कांग्रेस और अन्य पार्टी के नेताओं का कश्मीर जाना वहां के राज्यपाल और केंद्र सरकार को राजनीति करने का मौका देने वाला कदम था.
दलितों और पिछड़ों के प्रति उदासीन रहा कांग्रेस का रवैया
BSP प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस का ऐसा ही उदासीन और गैर सकारात्मक रवैया देश के सर्व समाज में खासकर गरीबों, दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भी रहा है.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि इन समुदायों के आर्थिक और सामाजिक हालात अभी तक खराब बने हुए हैं. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी लद्दाख क्षेत्र को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का भी स्वागत करती है. इससे लेह-लद्दाख क्षेत्र के बौद्ध समुदाय की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है. BSP अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन राज्यों में पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी.
उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान
बैठक में BSP अध्यक्ष मायावती ने सभी 13 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह पहला मौका है जब BSP उपचुनाव लड़ने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी ने 13 में से 11 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए हैं.
- घोसी - कय्यूम अंसारी
- मानिकपुर - राजनारायण निराला
- हमीरपुर - नौशाद अली
- जैदपुर - अखिलेश अंबेडकर
- बलहा - रमेश गौतम
- टूंडला - सुनील कुमार चित्तौड़
- लखनऊ कैंट - अरुण द्विवेदी
- प्रतापगढ़ सदर - रंजीत सिंह पटेल
- रामपुर - जुबेर मसूद खान
- गोविंद नगर (कानपुर) - देवी प्रसाद तिवारी
- इगलास - अभय कुमार
जलालपुर सीट से अभी उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं. सहारनपुर सीट पर मायावती को फैसला लेना है. बता दें, इन सभी को जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं वहां का प्रभारी बनाया गया है. BSP में जो प्रभारी होता है उसे ही टिकट मिलता है.
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