बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने मूर्ति मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कटी पतंग न बनने की सलाह दी है. साथ ही मीडिया से भी कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करने को कहा है.
उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि कोर्ट से इंसाफ मिलेगा और इसके लिए कोर्ट में अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखा जाएगा.
‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करे मीडिया’
मूर्ति मसले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी से और मीडिया में आ रहे बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने ट्वीट किया कि मीडिया कृपया करके सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करे.
उन्होंने लिखा, "हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा. मीडिया और बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है."
‘सदियों से तिरस्कृत दलित और पिछड़े वर्ग में जन्मे संतों के सम्मान में बनाए गए स्मारक’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "सदियों से तिरस्कृत दलित और पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल, स्मारक पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान और व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके आकर्षण से सरकार को नियमित आय भी होती है."
स्मारकों से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने की थी ये टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट करीब 10 साल पुरानी उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मूर्तियों के निर्माण पर सार्वजनिक पैसे खर्च करने से मायावती को रोकने के लिए निर्देश जारी करने की अपील की गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाईंट को बता दीजिए कि प्रथम दृष्टया उन्हें मूर्तियों पर खर्च पैसे को अपनी जेब से सरकारी खजाने में वापस जमा कराना होगा.
मायावती की ओर से कोर्ट में मौजूद सतीश मिश्रा ने कहा कि इस केस की सुनवाई मई के बाद हो, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कुछ और कहने के लिए मजबूर न करें. अब इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टिप्पणी करते हुए कहा था कि मायावती लखनऊ और नोएडा में बनाई गई मूर्तियों पर हुए खर्च को सरकार को लौटाएं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)