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बिहार: दलित के घर जाकर मंत्री ने बाहर से मंगाया खाना, दिए ये तर्क

यूपी के बाद अब दलितों के घर जाकर खाना खाने का विवाद बिहार पहुंच गया है, इस बार सुर्खियों में आए हैं केंद्रीय मंत्री

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यूपी के बाद अब दलितों के घर जाकर खाना खाने का विवाद बिहार पहुंच गया है. केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने हाल ही में बेगुसराय में एक दलित के घर जाकर खाना खाया था, लेकिन खाना हलवाई ने बनाया था न कि दलित परिवार ने. विवाद बढ़ता देखकर अहलूवालिया ने अपनी सफाई में तर्क पेश किए हैं.

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केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा है कि हर गांव में खाना बनाने वाले होते हैं, जो किसी अवसर पर खाना बनाते हैं. एक महिला कैसे 200-300 लोगों का खाना बना पाएगी. इसे मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है?

क्या 200-300 लोगों के साथ पहुंचते हैं नेता?

यूपी के बाद अब दलितों के घर जाकर खाना खाने का विवाद बिहार पहुंच गया है, इस बार  सुर्खियों में आए हैं केंद्रीय मंत्री
(फोटो: ट्विटर\@SSAhluwaliaMP)

एस एस अहलूवालिया के इस बयान के मुताबिक तो ऐसा लग रहा है कि नेताओं और उनके समर्थकों की 200-300 लोगों की फौज दलितों के घर एक साथ खाना खाने पहुंचती है.

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में बीजेपी के कई नेताओं पर दलितों के घर जाने लेकिन उनके हाथ से बना खाना नहीं खाने के आरोप लगे हैं. यूपी कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा पर आरोप था कि वो दलित के घर पहुंचे तो जरूर लेकिन हलवाई के हाथ का बना खाना ही खा सके. वहीं कुछ ऐसे ही विवाद योगी आदित्यनाथ के साथ भी जुड़ा.

बीजेपी सांसदों ने जताया विरोध

यूपी के बाद अब दलितों के घर जाकर खाना खाने का विवाद बिहार पहुंच गया है, इस बार  सुर्खियों में आए हैं केंद्रीय मंत्री
दलित के घर डिनर से फायदा ‘खयाली पुलाव’, बीजेपी सांसद भी उखड़े
(फोटो कोलाज: क्विंट हिंदी)

दलितों के घर खाना खाने के इस राजनीतिक स्टंट का विरोध कई बीजेपी सांसदों ने ही किया है. उत्तर-पश्चिम दिल्ली से बीजेपी के सांसद उदित राज का मानना है कि इससे पार्टी और दलितों का कोई लाभ नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि रात को रूककर और भोजन करके दिखावा करने से बेहतर है कि नेता जरूरतमंत दलितों के लिए भोजन, कपड़ा, मकान, रोजगार और इलाज का उपाय लेकर आएं.

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इससे पहले यूपी के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले दलितों के घर में खाना खाने जाने की राजनीति को दिखावा और बहुजन समाज का अपमान बताती हैं. फुले ये कहती हैं कि नेता उनके यानी दलितों के घर में खाना खाने तो जाते हैं लेकिन उनका बनाया हुआ खाना नहीं खाते. बाहर से बर्तन मंगाए जाते हैं, बाहर से खाना बनाने वाले आते हैं, वो ही परोसते भी हैं. दलित के दरवाजे पर जाकर फोटो खिंचवाने का ये दिखावे किया जाता है.

यूपी के बाद अब दलितों के घर जाकर खाना खाने का विवाद बिहार पहुंच गया है, इस बार  सुर्खियों में आए हैं केंद्रीय मंत्री
मा भारती भी दलितों के साथ भोजन करने का कार्यक्रम ये कहते हुए छोड़ चुकी हैं कि वो भगवान राम नहीं हैं,
(फोटोः IANS)

इससे पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी दलितों के साथ भोजन करने का कार्यक्रम ये कहते हुए छोड़ चुकी हैं कि वो भगवान राम नहीं हैं, जो दलितों के साथ भोजन करके उन्हें पवित्र कर दें.

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