नगर निगम चुनावों के नतीजे बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश का सियासी मिजाज बदला है. अब सभी 16 नगर निगम चुनावों के नतीजे निकल चुके हैं. और नतीजा ये है कि 2015 में 16 सीटों पर जीत के मुकाबले अब बीजेपी 9 सीटों पर सिमट गई है. कांग्रेस शून्य से 5 के आंकड़े पर पहुंच गई है और एक नए खिलाड़ी आम आदमी पार्टी का उदय हुआ है उसे भी एक सीट पर जीत मिली है. एक सीट निर्दलीय को भी मिली है.
मध्य प्रदेश की पॉलिटिक्स में ताजा एंट्री लेने वाली AIMIM और AAP ने चुनावों को उम्मीद से कहीं ज्यादा मजबूती से प्रभावित किया. AAP ने सिंगरौली का प्रमुख मेयर पद जीता, इसके अलावा कम से कम 2 मेयरल सीटों बुरहानपुर और खंडवा में वोटिंग को प्रभावित किया. इससे कांग्रेस-बीजेपी-AIMIM के बीच लड़ाई त्रिकोणीय हो गई.
मध्य प्रदेश शहरी निकाय चुनाव के दूसरे दौर की मतगणना में कांग्रेस ने रीवा और मुरैना में 2 सीटें जीती हैं.
बीजेपी ने रतलाम और देवास मेयर सीटों पर जीत हासिल की है
कटनी में बीजेपी की बागी प्रीति सूरी जीती हैं.
इस साल 6 जुलाई और 13 जुलाई को दो चरणों में 16 नगर पालिका निगम, 99 नगर पालिका परिषद और 298 नगर परिषदों सहित 413 नगरपालिकाओं के लिए मतदान हुआ था.
नतीजों के मायने
मध्य प्रदेश शहरी निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 5 मेयर सीटों की मतगणना के साथ, नतीजे राज्य में बदलते राजनीतिक परिदृश्य की ओर इशारा कर रहे हैं.
कांग्रेस को गति मिल रही है, लेकिन AIMIM और AAP उसके सामने चुनौती बनकर खड़े हो रहे हैं.
RSS का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर और मुरैना समेत मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने मेयर की कुल 5 सीटें जीती हैं.
रीवा मेयरल सीट पर कांग्रेस की जीत को भी विंध्य क्षेत्र में बदलाव के बड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी ने रीवा जिले के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ 2018 और 2019 के चुनावों में सांसद सीट पर भी जीत हासिल की थी. शिवराज ने रीवा में बीजेपी प्रत्याशी के लिए दो जनसभाएं की थीं.
दंगों से प्रभावित खरगोन में AIMIM ने 3 पार्षद पद हासिल किए हैं. जिससे उसकी संख्या 7 हो गई, इसमें जबलपुर में 2 और खंडवा और बुरहानपुर में एक-एक सीट शामिल है.
राजनीतिक विशेषज्ञ कांग्रेस की जीत का श्रेय राज्य के पदाधिकारियों की तरफ से अच्छे टिकट बंटवारे को दे रहे हैं, जबकि बीजेपी की हार को पार्टी की स्थिति के लिए एक बड़ी सेंध के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए AIMIM और AAP का प्रवेश चिंताजनक है.
एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा,
“हालिया परिणाम बहुत सी चीजों को स्पष्ट कर रहे हैं, लोग बदलाव चाहते हैं, हालांकि बहुत जल्दी न सही, लेकिन इरादा तो दिखाई दे ही रहा है. सिंगरौली में भी लोगों ने AAP को मौका दिया है और खंडवा के बुरहानपुर में भी AIMIM को जमकर वोट दिया है. दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस-बीजेपी के लिए 2023 के चुनावों की राह अब और कांटेदार हो गई है, लेकिन कांग्रेस का मनोबल काफी बढ़ा होगा, क्योंकि उसने 2015 में 0 के प्रदर्शन से अब 5 सीटें हासिल की, जबकि बीजेपी को अपनी रणनीति को दोबारा देखना होगा.
हार के बीच जश्न मना रही बीजेपी!
हालांकि, बीजेपी ने 2022 के नगरीय निकाय चुनाव को उनके द्वारा लड़े गए सबसे अच्छे चुनावों में से एक करार दिया है और राज्य में पार्टी की हार को छोटा दिखाने की कोशिश कर रही है.
कटनी में बीजेपी की बागी उम्मीदवार प्रीति सूरी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी ज्योति दीक्षित को लगभग 5000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर पार्टी को करारा झटका दिया.
कटनी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की संसदीय सीट के अंतर्गत आती है.
मुरैना मेयरल सीट पर कांग्रेस की शारदा सोलंकी ने अपनी बीजेपी समकक्ष मीना जाटव को 14000 से अधिक मतों से हराया. सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी जाटव के लिए जमकर प्रचार किया.
भारतीय जनता पार्टी हालांकि नुकसान को कम करके आंक रही है, लेकिन आंतरिक सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 16 में से 7 सीटों के हारने के बाद परिणामों का मूल्यांकन जरूर करेगी.
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