उत्तर प्रदेश की राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाले शख्य और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार, 10 अक्टूबर को 82 साल की उम्र में निधन हो गया. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में वे पूरी विरासत छोड़ गए हैं. उनके परिवार में दर्जनों लोग उनकी उंगली पकड़कर राजनीति में आए और छा गए. मुलायम का परिवार देश में सबसे बड़े राजनैतिक घरानों में से एक है.
मुलायम सिंह यादव पांच भाइयों में तीसरे स्थान पर थे, लेकिन राजनीति में सबसे आगे निकल गए. लोहिया आंदोलन से राजनीति में सक्रिय मुलायम ने चार अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की. मुलायम के दादा जी का नाम मेवाराम था. उनके 2 बेटे थे सुघर सिंह और बच्चीलाल सिंह. मुलायम सिंह यादव सुघर सिंह के ही बेटे थे. मुलायम की दो शादियां हुई. पहली पत्नी का नाम मालती देवी और दूसरी पत्नी साधना गुप्ता थीं. मुलायम के 4 भाई और हैं. जबकि रामगोपाल यादव बच्चीलाल सिंह के बेटे हैं.
मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी का निधन 1999 में हो गया था जबकि दूसरी पत्नी साधना यादव सिर्फ 3 महीने पहले ही दुनिया छोड़ गईं. अखिलेश यादव का जन्म पहली पत्नी से हुआ था जबकि प्रतीक यादव दूसरी पत्नी से पैदा हुए.
मुलायम सिंह यादव के 2 बेटे
अखिलेश यादव: मुलायम सिंह यादव के 2 बेटे हुए. बड़े बेटे अखिलेश यादव ने पिता की विरासत संभाली तो राजनीति में आ गए. उन्होंने डिंपल यादव से शादी की. अखिलेश यादव वर्तमान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वहीं, उनकी पत्नी डिंपल सांसद रह चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से उनकी हार हुई थी.
प्रतीक यादव: मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक यादव ने राजनीति से दूरी बनाए रखी. हालांकि, उनकी पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में सक्रिय हैं. वह 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुना लड़ी थीं, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में वो SP का दामन छोड़ बीजेपी के साथ चली गईं.
मुलायम सिंह यादव के 4 भाई
अभय राम यादव: पांच भाइयों में अभय राम सिंह सबसे बड़े भाई हैं. उनके बेटे का नाम धर्मेंद्र यादव है, जो कि तीन बार सांसद बन चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले 2004 में मैनपुरी से चुनाव जीता था. इसके बाद 2009 और 2014 में बदायूं सीट से सांसद बने. हाल के उपचुनाव में वह आजमगढ़ लोकसभा सीट से SP उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए थे,लेकिन इसमें उनकी हार हुई.
राजपाल सिंह यादव: राजपाल सिंह यादव पांच भाईयों में चौथे स्थान पर आते हैं. राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव ने 2005 में अपनी राजनीति का आगाज किया था. इसी के साथ वह मुलायम सिंह यादव परिवार से राजनीति में कदम रखने वाली पहली महिला बनी थीं. उनके बेटे अंकुश भी राजनीति में सक्रिय हैं और लगातार दूसरी बार निर्विरोध पंचायत अध्यक्ष बने हैं.
रतन सिंह यादव: रतन सिंह यादव पांच भाइयों में दूसरे स्थान पर आते हैं. रतन सिंह यादव के बेटे का नाम रणवीर सिंह है. उनके पोते तेज प्रताप ने इंग्लैंड की लीड्स युनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी से हुई है.
शिवपाल सिंह यादव: शिवपाल सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव के सबसे छोटे भाई हैं. शिवपाल वर्तमान में जसवंतनगर सीट से विधायक हैं. उन्होंने राजनीति में मुलायम सिंह यादव की खूब मदद की, अपने बड़े भाई के लिए पोस्टर तक चिपकाए.
हालांकि, 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कुछ मुद्दों को लेकर अनबन हुई, जिसके बाद शिवपाल ने अपनी अलग पार्टी बना ली. शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं.
रामगोपाल यादव
रामगोपाल यादव, मुलायम के चाचा बच्चीलाल सिंह के बेटे हैं. बच्ची सिंह के दो बच्चे हैं, रामगोपाल यादव और बेटी गीता यादव. रामगोपाल यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने 2004 में मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी की सीट छोड़ दी थी. रामगोपाल यादव मौजूदा समय में राज्यसभा के सांसद हैं.
उनके बेटे अक्षय यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं. वह 2014 में SP के टिकट से फिरोजाबाद से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी हार हुई थी.
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