पंजाब (Punjab) कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने रविवार, 19 दिसंबर को मलेरकोटला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ कट्टरपंथी ताकतें पंजाब में शांति भंग करने की कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी धार्मिक पाठ को अपवित्र (Sacrilege) करने के सभी आरोपियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए.
कट्टरपंथी ताकतें हमारी एकता को भंग कर रही हैं- सिद्धू
सिद्धू ने रैली के दौरान एकता स्थापित करने पर जोर दिया और कहा कि कट्टरपंथी ताकतें हमारी एकता को भंग कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि
"हमें एकता स्थापित करने की जरूरत है. कट्टरपंथी ताकतें हमारी एकता को भंग कर रही हैं. हालाँकि, जब भी देश भर में एक धर्म को उंचा और दूसरे को नीचे पेश किया जाता है, तो पंजाब हमेशा इसके खिलाफ खड़ा होता है. पंजाब में सभी लोग समान हैं. सिद्धू ने कहा कि अगर बेअदबी की कोई घटना होती है, चाहे वह गुरु ग्रंथ साहिब की हो, गीता की हो या कुरान की, दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए."नवजोत सिंह सिद्धू , पंजाब कांग्रेस प्रमुख
सिद्धू के साथ मंच पर स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना और उनके पति और पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा मौजूद थे. सिद्धू ने कहा कि "एक समुदाय को खत्म करने की साजिश" थी, और हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों को ऐसी ताकतों को हराने के लिए एकता दिखानी चाहिए.
सिद्धू के भाषण का विरोध
सिद्धू जब अपना भाषण शुरू आए तो प्रदर्शनकारियों ने इसका विरोध किया. जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति (जेडपीएससी) के सदस्यों और विरोध कर रहे आकांक्षी शिक्षकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया. वे अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित भूमि और नौकरियों की मांग कर रहे थे.
यहां तक कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य संविदा कर्मियों ने भी नियमितीकरण और अन्य मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर कार्यक्रम स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
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