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Toll Plaza खत्म करने पर काम कर रही है सरकार- नितिन गडकरी

Nitin Gadkari ने कहा कि 2019 में हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी.

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भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर टोल प्लाजा (Toll Plaza) को हटाने की योजना बना रही है. इसकी जगह पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे काम करेंगे, वाहनों में लगे नंबर प्लेट को रीड करेंगे और व्हीकल मालिकों के लिंक किए गए बैंक खातों से ऑटोमेटिक टोल कट जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इस योजना पर काम किया जा रहा है और इसको सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी संशोधन भी किए जा रहे हैं.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी ने कहा कि "2019 में हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी. पिछले चार साल में जो वाहन आए हैं उन पर अलग-अलग नंबर प्लेट हैं. अब टोल प्लाजा को हटाने और कैमरे लगाने की योजना है, जो इन नंबर प्लेट को रीड करेगा और सीधे बैंक अकाउंट से टोल काट लिया जाएगा.”

सरकार अब दो विकल्पों पर काम कर रही है- सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम, जिसमें एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक अकाउंट से काटा जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट के जरिए है. हम सैटेलाइट का इस्तेमाल करते वक्त फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की तैयारी में हैं और इसके जरिए हम टोल लेना चाहते हैं.
नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री

उन्होंने आगे कहा कि हम तकनीक का चयन करेंगे, हालांकि हमने आधिकारिक फैसला नहीं लिया है, लेकिन मेरे विचार में नंबर प्लेट टेक्नोलॉजी पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा. हालांकि इसके लिए हमें संसद में एक बिल लाने की जरूरत है क्योंकि अगर कोई टोल नहीं दे रहा है तो उन्हें दंडित करने के लिए अभी तक कोई कानून उपलब्ध नहीं है.

ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) से टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद की जा रही है लेकिन बहुत कुछ सिस्टम के काम पर निर्भर करेगा. इंडस्ट्री के एक सूत्र ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक से अधिक तकनीक की आवश्यकता होगी.

बता दें कि मौजूदा वक्त में लगभग 40 हजार करोड़ रुपए के कुल टोल कलेक्शन का लगभग 97 प्रतिशत FASTags के जरिए से होता है. FASTags के साथ, एक टोल प्लाजा को पार करने में प्रति वाहन लगभग 47 सेकंड का समय लगता है.

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