बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Nitish Kumar VS Prashant Kishor) के बीच खींचतान लगातार जारी है. इस बार नीतीश कुमार ने पीके यानी प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा खुलासा करने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि प्रशांत किशोर को मैंने जेडीयू के लिए कोई ऑफर नहीं दिया है. वह अपनी मर्जी से अनाप-शनाप बोलते रहते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि पीके एक बार पहले भी मेरे पास प्रस्ताव लेकर आए थे कि जेडीयू का कांग्रेस में विलय कर दीजिये. उनकी बातों का कोई मतलब ही नहीं है, पीके अब बीजेपी के एजेंडों पर चल रहे हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर जेपी गोलंबर पहुंचे थे. यहां जब मीडिया ने उनसे प्रशांत किशोर और बीजेपी को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने यह आरोप लगाए और प्रशांत किशोर को निशाने पर लिया.
मालूम हो कि गुरुवार को, प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के खिलाफ अपना तीखा हमला जारी रखा और कहा कि वह कभी भी नीतीश कुमार के साथ काम नहीं करेंगे, भले ही नीतीश कुमार उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली कर दें. प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि उन्होंने हाल ही में नीतीश कुमार के जेडीयू का 'नेतृत्व' करने के अनुरोध को ठुकरा दिया था.
नगर निकाय चुनाव पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब कुछ 1978 से चला आ रहा है और सुशील मोदी के मंत्री रहते ही सब कुछ हुआ था. अब बीजेपी से पूछिए कि इसका विरोध क्यों कर रहे हैं ? क्या बीजेपी ओबीसी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के खिलाफ हो गई है ?
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर सीबीआई की चार्जशीट को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. 5 साल पहले भी यही हुआ था. बीजेपी का जो मन करता है, वो वही करती है. लेकिन इस बार हम लोग भी साथ हैं.
(इनपुट- तनवीर आलम)
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