ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्लीः 36 घंटे में 6 नेताओं से मिले नीतीश कुमार, BJP के लिए कितनी बड़ी चुनौती?

Nitish Kumar ने विपक्ष के जिन 6 नेताओं से मुलाकात की है. उनकी पार्टियों के पास लोकसभा में कुल 58 सीटें हैं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बिहार में एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मिशन दिल्ली पर हैं. बड़े नेताओं से ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं. पहले पटना में केसीआर (KCR) के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस और इसके बाद सीधे फ्लाइट पकड़ी और दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने पहुंच गए. ये 5 सितंबर की बात है, अगले दिन 6 सितंबर को नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मिलने से पहले लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) से मिले. उसके बाद हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) से भी मुलाकात की.

नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. वो सिर्फ विपक्ष को एकजुट करना चाहते हैं. हालांकि जेडीयू ने उनके पक्ष में पोस्टर लगाए हैं और पार्टी के कई नेता उनके लिए बैटिंग भी कर रहे हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली में इन नेताओं से मिले नीतीश कुमार

हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला से मिले नीतीश

नीतीश कुमार ने गुरुग्राम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से मुलाकात की. ओपी चौटाला कुछ दिन बाद फरीदाबाद में एक रैली करने वाले हैं. जिसके लिए उन्होंने कहा है कि वो गैर कांग्रेसी-बीजेपी नेताओं को न्योता देंगे. नीतीश कुमार ने ओपी चौटाला से मुलाकात के बाद कहा कि ओपी चौटाला ने बीजेपी से अलग होने के मेरे फैसले को अच्छा बताया.

अरविंद केजरीवाल से मिले नीतीश

नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले. हालांकि अरविंद केजरीवाल खुद नेशनल लेवल पर मोदी को चुनौती देने की जुगत में लगे हैं और उनकी पार्टी लगातार ये कह रही है कि नरेंद्र मोदी का विकल्प केजरीवाल ही हो सकते हैं. लेकिन नीतीश कुमार विपक्षी एकता के अपने मिशन को आगे लेकर चलते हुए उनसे मिले और 2024 चुनाव पर चर्चा की.

सीताराम येचुरी से मुलाकात

नीतीश कुमार ने लेफ्ट पार्टी के पुराने नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. नीतीश कुमार ने उनसे मुलाकात पर कहा कि, पूरे देश में अगर लेफ्ट पार्टी और हम एक साथ मिल जाएंगे तो बड़ी बात होगी. सीताराम जो संविधान को मानते हैं उनको साथ लेकर चलना है. नीतीश से मुलाकात पर सीताराम येचुरी ने कहा कि, विपक्ष को एकजुट करना होगा. देश के लिए जरूरी है कि सभी सेक्युलर पार्टियां एक साथ आएं. क्योंकि संविधान के चरित्र को बचाना है. उन्होंने कहा कि पहले सबका एकजुट होना एजेंडा है, पीएम उमम्मीदवार बाद में तय होगा.

कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारास्वामी और डी राजा से मुलाकात

दिल्ली आये नीतीश कुमार ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से भी मुलाकात की. उनसे भी विपक्षी एकता पर बातचीत हुई. इसके अलावा नीतीश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा से भी मुलाकात की.

राहुल गांधी से मुलाकात

नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे में राहुल गांधी से मुलाकात ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि, दिल्ली आए हुए बहुत दिन हो गए थे. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा विपक्ष के लोग एक साथ आ जायें. तो बहुत अच्छा माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ विपक्ष को इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा हूं. मेरी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है.

नीतीश के प्लान में कांग्रेस भी?

नीतीश कुमार की मुलाकातों से साफ है कि उनकी विपक्षी एकता के प्लान में कांग्रेस भी है. ये अपने आप में खास इसलिए है क्योंकि ममता बनर्जी और केसीआर की कोशिशों में कांग्रेस नहीं दिख रही थी. लेकिन नीतीश कुमार और राहुल गांधी के संबंधों की सुगंध इन कोशिशों में आ रही है. क्योंकि 2013 से लेकर अब तक कई बार राहुल गांधी और नीतीश कुमार की कैमिस्ट्री देखने को मिली है. कहा जाता है कि 2015 में महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लिए भी राहुल गांधी ने ही कोशिशें की थीं.

नीतीश जिन नेताओं से मिले उनकी ताकत कितनी?

राहुल गांधी

नीतीश कुमार ने पहली मुलाकात राहुल गांधी से की, अगर कांग्रेस की ताकत की बात करें तो उन्होंने 2019 में 52 सीटें जीती थी. और देशभर में उनका वोट प्रतिशत 19.46 फीसदी रहा. कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत की सरकार चला रही है. जबकि बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में वो गठबंधन की सरकार में शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस से उनके कई बड़े नेता पार्टी छोड़ अलग हो गए.

अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दिल्ली में प्रचंड बहुमत की सरकार चला रही है. पंजाब में भी उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार है लेकिन लोकसभा में फिलहाल उनकी संख्या जीरो है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने एक सीट जरूर जीती थी लेकिन उपचुनाव में हार के साथ संख्या जीरो हो गई. अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 0.44 फीसदी वोट मिले थे.

सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने 2019 लोकसभा चुनाव में 3 सीटें जीती थीं और उन्हें 1.75 प्रतिशत वोट मिले थे. फिलहाल सीपीआईएम की केरल में पूर्ण बहुमत की सरकार है.

डी राजा

डी राजा की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. और उन्हें 0.58 प्रतिश वोट मिले थे. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में वो भी शामिल हैं.

एचडी कुमारस्वामी

एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. उनकी पार्टी जेडीएस ने 2019 लोकसभा चुनाव में 1 सीट जीती थी और उन्हें 0.56 फीसदी वोट मिले थे. पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की पार्टी फिलहाल किसी राज्य में सत्ता में नहीं है.

ओपी चौटाला

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को 2019 के लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी. और मात्र 0.04 फीसदी वोट मिले थे. फिलहाल उनके पास हरियाणा में मात्र एक विधायक है.

जबकि अगर खुद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की बात की जाये तो उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीती थी और उन्हें 1.45 फीसदी वोट मिले थे. जबकि वो खुद बिहार के मुख्यमंत्री हैं. जहां वो आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×