तृणमूल कांग्रेस ने असम में एनआरसी लिस्ट से 40 लाख लोगों के नाम गायब होने पर गंभीर ऐतराज जताया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र ने सरकार आरोप लगाया जिन लोगों के लिस्ट में नाम नहीं है, उनका सरनेम देखकर जानबूझकर समुदाय विशेष लोगों के साथ भेदभाव किया गया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि 40 लाख लोगों में से कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट भी है, लेकिन फिर भी उनका नाम लिस्ट में नहीं है. सरकार जबरन लोगों को देश से निकालना चाहती है.
ममता ने कहा कि इस गेम प्लान के तहत लोगों को अलग-थलग किया जा रहा है. लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बनाया जा रहा है.
40 लाख लोग नागरिकता से बाहर
सोमवार सुबह असम में रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट पेश किया गया. रजिस्ट्रार जनरल के मुताबिक, 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 2.89 करोड़ वैध नागरिक पाए गए हैं, जबकि 40 लाख लोग नागरिकता से बाहर हो गए हैं. हालांकि उन्होंने कहा है कि जिनका नाम इस ड्राफ्ट में नहीं है, वो परेशान ना हों, फिर से आवेदन कर इस रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं.
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संसद में राजनाथ सिंह ने दी सफाई
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुददे पर संसद में कहा, कि कुछ लोग बिना वजह ही इस लिस्ट के आधार पर भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह पूरी तरह से निष्पक्ष रिपोर्ट है. कोई भी भ्रामक जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए. यह कोई फाइनल लिस्ट नहीं बल्कि ड्राफ्ट है.
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