'वन नेशन, वन इलेक्शन' (One Nation, One Election) यानी 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर देश में चर्चाएं जोरों पर है. इसकी संभावनाओं पर विचार के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं. वहीं समिति में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को भी जगह दी गई है. हालांकि, उन्होंने समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया है. वहीं अन्य विपक्षी नेताओं ने भी 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध किया है.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' आइडिया को देश के संघीय ढांचे पर हमला बताया. कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "इंडिया, जोकि भारत है, यह राज्यों का एक संघ है. 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का आइडिया संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है."
अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' के लिए बनी हाई पावर कमेटी का सदस्य बनने से इनकार किया है. उन्होंने कहा,
"आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक रूप से संदिग्ध, व्यावहारिक रूप से गैर-व्यवहार्य और तार्किक रूप से कार्यान्वयन योग्य नहीं, ऐसे विचार को राष्ट्र पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है."
इसके साथ ही उनहोंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता को इस कमेटी में ना रखना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. इस हालत में मेरा पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है कि कमेटी का सदस्य बनने का निमंत्रण अस्वीकार करूं.
इस समिति में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम न शामिल करने पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि "हमारा मानना है कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के एक प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है."
'वन नेशन, वन इनकम' की हो बात- तेजस्वी
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर सवाल उठाते हुए कहा कि "पहले 'वन नेशन, वन इनकम' की बात होनी चाहिए. आर्थिक रूप से लोगों को और मजबूत करने की जरूरत है." इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कह,
"बीजेपी की मनसा साफ दिख रही है कि किसी भी तरीके से देश पर कब्जा करना है और देश को बर्बाद करना है. बीजेपी के मन की बात धीरे-धीरे सामने आ रही है. यह बातें तानाशाही प्रवृत्ति को दिखती हैं."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "बीजेपी देश पर कब्जा करना चाहती है, राज्यों को खत्म करके केवल केंद्र रहे. बाद में बोलेंगे कि वन नेशन वन लीडर, वन नेशन वन पार्टी, वन नेशन वन रीलीजन. ये सब बेकार की बाते हैं."
मुख्यमंत्री नतीश कुमार ने कहा कि "हम तो पहले से ही कह रहे थे कि चुनाव पहले भी केंद्र वाला करवा सकता है. अब जब वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर रहे हैं, विशेष सत्र बुला रहे हैं तो जवाब विशेष सत्र में ना दिया जाएगा. इस पर अभी से क्या बोलना. लेकिन मेरी बात तो सही हो गई जो बात हम कह रहे थे कि चुनाव कभी भी करवा सकता है. अब देख लीजिए क्या-क्या कर रहा है."
संविधान को बदलने की कोशिश- दिग्विजय
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी 'एक देश, एक चुनाव' पर सवाल उठाया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि, "यह भारतीय संविधान को बदलने का एक प्रयास है. हालांकि, वर्तमान भारतीय प्रणाली में इसे लागू करना संभव नहीं है."
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि "बीजेपी को बेतुके फैसले लेने की आदत है. वह सुर्खियों में रहना चाहती है. केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग तरीके से काम करती हैं. कई बार विधानसभाएं 5 साल की अवधि से पहले ही भंग हो जाती हैं. इसलिए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' व्यावहारिक नहीं होगा."
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि "बीजेपी भारत गठबंधन के गठन से परेशान है. वे (बीजेपी) 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लेकर आए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि लोग अब उन्हें पसंद नहीं कर रहे हैं,"
JJP ने किया 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि उनकी पार्टी जेजेपी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का समर्थन करती है क्योंकि इससे अलग-अलग चुनाव कराने पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि "हर वर्ष देश में कहीं न कहीं चुनाव होता है. इससे विकास में बाधा आती है, अधिक खर्च भी होता है. इसी के चलते 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात सामने आई होगी. कमेटी बनी है वो अध्ययन करेगी और रिपोर्ट जमा करेगी. ये अच्छी बात है. इसे कोई व्यंग्य के तौर पर लेता है तो इसका मतलब उनकी सोच ठीक नहीं है."
'वन नेशन, वन इलेक्शन' कमेटी में ये सदस्य
केंद्र सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावनाओं पर विचार के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इसके सदस्य इस प्रकार हैं:
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद- अध्यक्ष
गृहमंत्री अमित शाह- सदस्य
अधीर रंजन चौधरी- सदस्य
गुलाम नबी आजाद- सदस्य
एनके सिंह- सदस्य
डॉ. सुभाष सी. कश्यप- सदस्य
हरि साल्वे- सदस्य
संजय कोठारी- सदस्य
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