कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा संसद के दोनों सदनों में अब अध्यक्ष और सभापति का पद "उतना न्यूट्रल नहीं रहा, जितना होना चाहिए."
चिदंबरम ने कहा कि राज्यसभा में आखिरी दिन इसलिए हंगामा हुआ क्योंकि सरकार एक विधेयक को अपनी बात के उलट "चोरी छिपे" पास करवाना चाह रही थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चिदंबरम ने यह भी कहा कि आगे बातचीत और बैठकों के जरिए उन्हें आशा है कि विपक्षी एकता बनेगी, जिससे बीजेपी को 2024 में सत्ता से हटाया जा सकेगा.
जनरल इंश्योरेंस बिल पर विवाद
बता दें संसद में जनरल इंश्योरेंस बिल पर भी काफी विवाद हुआ है. विपक्ष इस विधेयक को पास किए जाने का विरोध कर रहा था. बता दें इस विधेयक के पास होने के बाद सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के निजीकरण का रास्ता खुल जाएगा. विपक्ष का कहना था कि इस विधेयक को संसद की चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए था.
चिदंबरम का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में एकमत ना होने के चलते सहमति बनी थी कि इस सत्र में इस विधेयक को पारित नहीं किया जाएगा. लेकिन सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक के एकमत से पारित होने के बाद इस विधेयक को चोरी से पारित कराने की जल्दबाजी दिखाई. इससे विपक्ष नाराज हो गया.
चिदंबरम का कहना है कि यहां सभापति ने न्यूट्रल एप्रोच नहीं अपनाई.
हंगामेदार रहा मानसून सत्र
बता दें संसद के मानसून सत्र को दो दिन पहले ही बुधवार को खत्म कर दिया गया. जब राज्यसभा स्थगित होने वाली थी, तभी विपक्षी सांसदों का मार्शलों के साथ टकराव हो गया. यह टकराव तब हुआ, जब सांसद चेयर और ट्रेजरी बेंचों की तरफ बढ़ रहे थे. विपक्षी सांसदों का कहना है कि सरकार पेगासस जासूसी और विवादित कृषि कानूनों पर चर्चा कराने से भाग रही है.
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