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सतलज-यमुना विवाद: CM बादल ने कहा, नहीं देंगे एक भी बूंद पानी

पंजाब सरकार ने साल 2004 में इस समझौते को तोड़ने के लिए ‘पंजाब समझौता निरस्तीकरण कानून 2004’ पारित किया था. 

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सतलज-यमुना-लिंक जल विवाद पर कांग्रेस के 44 विधायकों ने पंजाब विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. वहीं पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल ने हरियाणा को पानी की एक बूंद भी न देने की बात पर अड़े हुए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा बनाया गया 'पंजाब समझौता निरस्तीकरण कानून 2004' को असंवैधानिक करार देने के बाद सीएम बादल ने अपना बयान दिया हैं. बादल ने कहा, हमें सिर्फ अपना अधिकार चाहिए, दूसरे का कुछ नहीं चाहिए.

यह कोई राजनीति मामला नहीं हैं. यह जीवन जीने के लिए आर्थिक मामला हैं.
प्रकाश सिंह बादल, सीएम, पंजाब

क्या है सतलुज-यमुना लिंक विवाद?

साल 1966 में पंजाब और हरियाणा दो अलग-अलग राज्य बने. दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे पर विवाद शुरु हुआ. इसके बाद साल 1981 में केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच सतलज-यमुना लिंक समझौता करवाया. इसके तहत हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज-यमुना नहर बनाना तय किया गया. दोनों तरफ जमीनें आवंटित की गईं. हरियाणा ने अपनी तरफ की नहर का निर्माण कर दिया. लेकिन पंजाब ने नहीं किया.

यहां क्लिक कर पढें क्या है पूरा मामला

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