संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament winter session) 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर को खत्म होने की संभावना है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 20 नवंबर को कहा कि मुझे उम्मीद है कि सदन सुचारू रूप से चलेगा और सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.
लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून को वापस लेने का फैसला हो या मॉनसून सत्र की तरह पेगासस और पूर्वोत्तर भारत में चीनी घुसपैठ का मुद्दा, उम्मीद जताई जा रही है कि मॉनसून सत्र की तरह ही संसद के शीतकालीन सत्र में भी सरगर्मी तेज रहेगी.
शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण माने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के लिए सरकार को घेरने का मौका हो सकता है. डालते हैं नजर उन मुद्दों पर जहां विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.
MSP गारंटी कानून
देश से माफी मांगते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 19 अक्टूबर को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके खिलाफ मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान लगभग एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
संसद में पारित इस कानून को वापस लेने के लिए भी संसद के अनुमोदन की जरूरत होगी और सरकार इससे संबंधित बिल शीतकालीन सत्र में लाने को तैयार है.
हालांकि एक साल के आंदोलन के बाद कृषि कानून पर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर करने के बाद संसद के बाहर किसान उत्साहित हैं और उनकी अगली मांग MSP गारंटी पर कानून है. किसान आंदोलन का चेहरा बन कर उभरे राकेश टिकैत साफ कह चुके हैं कि जब तक सरकार संसद में कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, आंदोलन खत्म नहीं होगा. पीएम मोदी के घोषणा के बाद वो MSP गारंटी पर कानून बनाने की मांग कर चुके हैं.
संसद के अंदर विपक्ष भी सरकार को MSP गारंटी कानून पर घेरने को तैयार खड़ा है. राहुल गांधी ने किसानों के नाम अपने खुले पत्र में लिखा कि साथियों अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ है, MSP मुद्दा है. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेना एक देर से लेकिन बहुत जरूरी कदम था लेकिन सरकार को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक कृषि कानून बनाने की मांग पर कार्रवाई करनी थी.
यहां तक कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी भी सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहे हैं. वरुण गांधी ने पीएम मोदी से किसानों की फसलों के लिए वैधानिक एमएसपी गारंटी की मांग को स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनका आंदोलन इसके बिना समाप्त नहीं होगा.
पत्र में पीलीभीत से सांसद, वरुण गांधी ने बिना नाम लिए लखमीपुर खीरी में हुई हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'तेनी' के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.
चीनी घुसपैठ
कांग्रेस चीन के साथ सीमा पर तनाव से निपटने के लिए सरकार पर हमला करती रही है, उस पर भारत की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने का आरोप लगा रही है जबकि केंद्र ने इस आरोप से इनकार किया है.
चीनी घुसपैठ पर पेंटागन रिपोर्ट के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार को घेर सकते हैं. राहुल गांधी ने शनिवार, 20 नवंबर को ट्वीट करते हुए कहा कि “अब चीनी कब्जे का सत्य भी मान लेना चाहिए”
पेगासस जासूसी कांड
मॉनसून सत्र की तरह विपक्ष के पेगासस स्पाईवेयर मामले पर अपना विरोध जारी रखने की संभावना है जिसमें कारण मोदी सरकार बैकफुट पर दिख रही थी .
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ तकनीकी समिति नियुक्त की ताकि विपक्ष के उन आरोपों की जांच हो सके कि सरकार ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस की मदद से राजनेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों पर जासूसी की.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना नॉटिंग की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह देखते हुए कि जासूसी के आरोप "गंभीर" थे और सच्चाई सामने आनी चाहिए, पैनल को अपनी रिपोर्ट "तेजी से" प्रस्तुत करने के लिए कहा.
BSF अधिकार क्षेत्र में वृद्धि
पश्चिम बंगाल और पंजाब विधानसभा ने राज्य में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के केंद्र के कदम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है.
यहां तक कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के विधायक उदयन गुहा ने बीएसएफ के जवानों पर सीमा पर आवाजाही के समय महिलाओं की तलाशी के दौरान गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया.
माना जा रहा है कि कम से कम इन दो राज्यों की ओर से विपक्ष सरकार को आड़े हाथों ले सकता है.
ED, CBI प्रमुखों के कार्यकाल में विस्तार
ईडी और सीबीआई के निदेशकों के कार्यकाल को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने के लिए 14 नवंबर को सरकार दो अध्यादेशों लेकर आई.
दो विपक्षी दलों - कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी - जो मानसून सत्र के दौरान सबसे अधिक मुखर थीं, पहले ही दो अध्यादेशों पर कड़ी आपत्ति उठा चुकी हैं.
केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आगामी शीतकालीन सत्र से महज दो हफ्ते पहले अध्यादेश जारी करने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया.
राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “अध्यादेशों ने ईडी और सीबीआई निदेशक के कार्यकाल को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया है. संसद का शीतकालीन सत्र अब से दो सप्ताह बाद शुरू हो रहा है. निश्चिंत रहें, विपक्षी दल वह सब करेंगे जो भारत को एक निर्वाचित निरंकुशता में बदलने से रोकता है."
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