राजस्थान में सियासी अखाड़े की लड़ाई में आज हाईकोर्ट में फिर सुनवाई है सकता है. स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट गए 19 विधायकों की याचिका पर सुनवाई हो रही है. स्पीकर ने पायलट समेत 19 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और पूछा था कि वो व्हिप जारी होने के बावजूद विधायक दल की बैठक में क्यों नहीं पहुंचे?
साथ ही पूछा गया कि आखिर क्यों उन्हें अयोग्य घोषित न किया जाए. जवाब देने के लिए दो दिन का वक्त दिया गया. लेकिन नोटिस जारी होने के बाद बागी विधायकों को इस बात की चिंता सताने लगी कि स्पीकर दो दिन बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर देंगे.
इसीलिए सबसे पहले दो दिग्गज वकीलों हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी को मैदान में उतारा गया और बागी विधायक हाईकोर्ट पहुंच गए. मांग थी कि जो नोटिस स्पीकर ने जारी किया है वो संवैधानिक रूप से गलत है, इसीलिए इसे तुरंत खारिज किया जाए.
राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की याचिका पर सुनवाई हुई थी. चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच के सामने कांग्रेस विधायकों की ओर से हरीश साल्वे ने दलीलें दीं. उन्होंने कहा था कि विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता.
बता दें कि सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद से कांग्रेस सरकार एक बड़े संकट का सामना कर रही है. पायलट ने घोषणा की थी कि गहलोत सरकार अल्पमत में है, क्योंकि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है.
उसके बाद से ही गहलोत खेमे के विधायक एक पांच सितारा होटल में डेरा जमाए हुए हैं, जबकि पायलट खेमे के विधायक मानेसर के एक होटल से निकलने के बाद कथित तौर पर दिल्ली में अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं.
ये भी पढ़ें- कौन हैं सचिन पायलट खेमे के ‘चाणक्य’ भंवर लाल और बाकी सिपाही
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)