पिछले कुछ दिनों से लगातार कुछ ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिनसे बीजेपी की चिंता बढ़ने लगी है. चाहे वो पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय (Mukul Roy) का टीएमसी में जाना हो या फिर यूपी चुनाव से पहले यूपी जैसे राज्य में जारी हलचल... तमाम चीजों को लेकर पार्टी में मंथन जारी है. इसी बीच अब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक हुई है.
योगी आदित्यनाथ से हुई थी मुलाकात
बीजेपी के तीन टॉप नेताओं की ये बैठक अहम इसलिए मानी जा रही है, क्योंकि इससे कुछ ही घंटे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं से मुलाकात की थी. साथ ही इस बैठक से पहले पश्चिम बंगाल में पार्टी को एक बड़ा झटका भी लगा. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने ही पार्टी छोड़ दी और अपनी पुरानी पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कई तरह की बातें हो रही हैं. जिन्हें लेकर बीजेपी नेता भले ही खुलकर कुछ न कह रहे हों, लेकिन अंदर ही अंदर मंथन जारी है. योगी आदित्यनाथ का दिल्ली आकर पीएम समेत बाकी नेताओं से मिलना भी इसी का संकेत है. यूपी में बीजेपी नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ को लेकर असंतोष की आवाजें उठी हैं, जिसके बाद पार्टी में हलचल तेज हुई. कोरोना महामारी के सही प्रबंधन और पंचायत चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी बताई जा रही है.
अब यूपी जैसे अहम राज्य में बीजेपी चुनाव से पहले किसी भी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहती है. इसीलिए अब लगातार बैठकों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और नड्डा की इस बैठक को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
हालांकि ऐसी भी चर्चा है कि केंद्र सरकार में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. क्योंकि इससे पहले पीएम मोदी ने कुछ मंत्रालयों की समीक्षा बैठकें की हैं. जिसके बाद बताया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं.
मुकुल रॉय का जाना बड़ा झटका
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और दोनों बड़े नेताओं के बीच मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने को लेकर भी रणनीतिक बातचीत होने की संभावना है. क्योंकि मुकुल रॉय का टीएमसी में जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पार्टी छोड़ने के बाद कुछ और बगावती सुर उठने की आशंका है. हालांकि रॉय को रोकने के लिए बीजेपी ने पूरी कोशिशें की थीं. यहां तक कि जब मुकुल रॉय की पत्नी अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो खुद पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बातचीत की थी. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रॉय ने टीएमसी को ही चुना.
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