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PM ने लॉकडाउन में मजदूरों को उकसाने का लगाया आरोप-भड़का विपक्ष,केजरीवाल बोले-झूठ

PM ने कहा दिल्ली, मुंबई ने मजदूरों को बेसहारा छोड़ा, राज्यों की तीखी प्रतिक्रिया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार, 7 फरवरी को संसद में कोविड प्रबंधन (Covid-19) को लेकर विपक्षी सरकारों पर प्रवासियों को छोड़ने और संक्रमण फैलाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया. पीएम मोदी के इन आरोपों के बाद केंद्र और राज्यों के बीच एक नया टकराव शुरू हो गया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी के बयान को 'एकमुश्त झूठ' बताया जबकि महाराष्ट्र के कम से कम तीन मंत्रियों ने कहा कि प्रधानमंत्री 'पांच राज्यों में चुनावों पर नजर रखकर' सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.

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कांग्रेस ने मजदूर भाइयों और बहनों को मुश्किलों में धकेल दिया-पीएम मोदी

अपने लोकसभा भाषण में महामारी के शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए, मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि "पार्टी ने कोविड -19 के इस समय में सभी हदें पार कर दी हैं.” पीएम मोदी ने कहा कि,

“पहली लहर के दौरान, जब देश लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के लोगों को सलाह दे रहा था, सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुझाव दे रहे थे कि लोगों को वहीं रहना चाहिए … उस समय कांग्रेस नेताओं ने मुंबई में स्टेशनों पर खड़े होकर मुफ्त ट्रेन टिकट बांटे और प्रवासियों को मुंबई छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि महाराष्ट्र पर बोझ कम किया जा सके. आप यूपी से हैं, आप बिहार से हैं, वहां जाकर कोरोना फैलाओ. आपने यह बड़ा पाप किया...आपने हमारे मजदूर भाइयों और बहनों को बड़ी मुश्किलों में धकेल दिया.'
नरेंद्र मोदी, पीएम, भारत

दिल्ली सरकार ने मजदूरों को अपने गांवों में लौटने के लिए कहा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इससे आगे बढ़कर दिल्ली सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा,

"उस समय, दिल्ली में एक सरकार थी, जो सरकार अब भी है, जो लाउडस्पीकरों के साथ जीपों को झुग्गी-झोपड़ी (झुग्गी) कॉलोनियों में भेजती है और उन्हें बताती है कि यहां एक बड़ी समस्या है, भाग जाओ. इसने उन्हें घर वापस जाने और अपने गांवों में लौटने के लिए कहा. उन्होंने उन्हें दिल्ली छोड़ने के लिए बसें उपलब्ध कराईं और उन्हें बीच में ही छोड़ दिया, जिससे श्रमिकों के लिए कई समस्याएं पैदा हो गईं. इसी पाप के कारण यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में कोरोना पहले से भी तेज गति से फैला."

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प्रधानमंत्री का बयान सरासर झूठ है- केजरीवाल

प्रधानमंत्री के इन आरोपों पर दोनों राज्यों की तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा,

'प्रधानमंत्री का बयान सरासर झूठ है. देश को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखेंगे जिन्हें कोविड के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ा और जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. लोगों के दर्द का राजनीतिकरण करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.”
अरविंद केजरीवाल, CM, दिल्ली
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मुंबई में, कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि "केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया और कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया." उन्होंने कहा कि लॉकडाउन बिना तैयारी के लगाया गया था. उसके बाद, मुंबई और महाराष्ट्र में यूपी और बिहार के हमारे भाइयों की स्थिति खराब हो गई और वे भूखे मर रहे थे.

थोराट ने कहा, हमें महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार और कांग्रेस द्वारा प्रवासी कामगारों को कोरोना काल में प्रदान किए गए समर्थन पर गर्व है.

एनसीपी नेता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने कहा, "मोदी जी 'नमस्ते ट्रम्प' कार्यक्रम (फरवरी 2020 में) के माध्यम से कोविड फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं. मोदी जी देश में कोविड लेकर आए. अगर उसने समय पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया होता, तो कोविड भारत नहीं आते.

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