बिहार में इस साल राजनीतिक दलों की तरफ से आयोजित इफ्तार दावतों में सियासी चेहरे बदले-बदले नजर आए. भविष्य की राजनीति की बदलती तस्वीर के संकेत भी दे गए. कई नेता इसे भले ही राजनीति से दीगर बात बता रहे हों. लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि आने वाले एक साल में बिहार में सियासी समीकरण बदल सकते हैं.
दोस्त-दोस्त ना रहा
पिछले साल की तुलना की जाए तो इस बार राजनीतिक दलों के दोस्त बदले नजर आए. पिछले साल आरजेडी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर आयोजित इफ्तार की दावत में महागठबंधन के तमाम नेता पहुंचे थे.
पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहुंचने पर उनका स्वागत खुद लालू प्रसाद ने किया था. नीतीश के पास लालू बैठे थे और उनसे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी गुफ्तगू करते नजर आए थे. लेकिन इस साल नजारा बदला-सा नजर आया.
दावत-ए-इफ्तार तो हुई, लेकिन सियासी चेहरे बदल गए. आरजेडी की दावत से अशोक चौधरी और नीतीश कुमार नदारद रहे. वहीं बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आरजेडी की ओर से दी गई दावत की शोभा बढ़ाई.
राजनीतिक भविष्य को लेकर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने नए संकेत दे दिए. मीसा ने अगले लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से आरजेडी का टिकट दिए जाने की घोषणा कर सियासी समीकरण बदलने के आसार पर मुहर लगा दी. बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने अंदाज में कहा, “सिचुएशन जो भी हो, स्थान यही होगा.”
काफी अलग रही जेडीयू की दावत
जेडीयू की तरफ से दी गई इफ्तार पार्टी से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव नदाराद रहे, लेकिन इस बार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित बीजेपी के तमाम नेता और अशोक चौधरी भी इसमें नजर आए.
खास बात यह कि जेडीयू की दावत में कांग्रेस के विधायक सुदर्शन कुमार, मुन्ना तिवारी और आरजेडी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव भी शमिल हुए. आरजेडी और जेडीयू, दोनों बड़ी पार्टियों ने एक ही दिन यानी बुधवार की शाम दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था.
इससे पहले, एनडीए में शामिल एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने भी इफ्तार की दावत दी. इसमें बीजेपी और जेडीयू के नेता पहुंचे थे, लेकिन एनडीए के घटक दल आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा नहीं पहुंचे.
RLSP से JDU का किनारा
आरएलएसपी की ओर से भी रविवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत एलजेपी के नेताओं को बुलाया गया था. लेकिन जेडीयू और एलजेपी के नेताओं ने इससे किनारा कर लिया. हालांकि उनकी इफ्तार पार्टी में बीजेपी के कुछ नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था, जिसमें आरजेडी और कांग्रेस के ज्यादातर नेता पहुंचे थे.
‘रमजान पर सियासत नहीं इबादत’
जेडीयू के नेता अशोक चौधरी कहते हैं कि इस पाक माहे रमजान पर सियासत नहीं, इबादत की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आमंत्रित तो कई जगहों से किया जाता है, लेकिन समय के अभाव में लोग सभी जगह नहीं पहुंच पाते हैं, ऐसे में इसे सियासत के रूप में नहीं देखना चाहिए.
बहरहाल, इस पाक रमजान ने बिहार में नई सियासी तस्वीरें दिखाई हैं, अब आने वाला समय ही बताएगा कि इस 'ट्रेलर' की फिल्म किसके लिए 'सुपर हिट' होती है.
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