ओडिशा (Odisha) में पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में कथित तौर पर तोड़फोड़ करने के आरोप में बीजेपी के खुर्दा विधायक प्रशांत जगदेव को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बोलगढ़-बेगुनिया विधानसभा क्षेत्र में राजसुनाखला के पास काउंरिया पटना में बूथ नंबर 114 में तोड़फोड़ के मामले में कार्रवाई करते हुए बीजेपी प्रत्याशी पर कार्रवाई की. गिरफ्तारी के बाद उन्हें खुर्दा जेल भेज दिया गया है.
पूरा मामला क्या है?
जगदेव अपने कुछ समर्थकों के साथ बेगुनुआ विधानसभा क्षेत्र के कुआंरीपटना में एक मतदान केंद्र पर वोटिंग के दौरान गए थे. बताया जा रहा है कि जगदेव की मतदान अधिकारियों के साथ बहस हुई, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर ईवीएम में तोड़फोड़ की और चले गए. इस घटना के कारण शनिवार (25 मई) को छठे चरण के दौरान मतदान प्रभावित हुआ.
पुलिस ने उनका पीछा किया और उनके वाहन को रोक लिया, जिसमें बीजेपी की भुवनेश्वर लोकसभा उम्मीदवार अपराजिता सारंगी भी मौजूद थीं.
खुर्दा और बेगुनिया दोनों विधानसभा क्षेत्र भुवनेश्वर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं.
जगदेव को पहले बेगुनिया पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया था. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और थाने में ही धरने पर बैठ गए. उन्होंने दावा किया कि गलती से जमीन पर गिरने से ईवीएम क्षतिग्रस्त हो गई.
जगदेव ने खुद को फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए मतदान केंद्र के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की मांग की है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी निकुंज बिहारी ढल ने शनिवार (25 मई) को कहा कि जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
घटना में ईवीएम की कंट्रोल यूनिट क्षतिग्रस्त हो गई, जिसके बाद हमने इसे बदल दिया था. इसके बाद बूथ पर वोटिंग जारी रही.निकुंज बिहारी ढल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
प्रशांत जगदेव कौन हैं?
55 वर्षीय जगदेव वर्तमान में चिल्का विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने 2019 में बीजेडी के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने उन्हें पहली बार सितंबर 2021 में एक बीजेपी कार्यकर्ता को सार्वजनिक रूप से पीटने के आरोप में निलंबित कर दिया था. बाद में उन्हें निष्कासित कर दिया गया.
जगदेव, जो 2014 में बेगुनिया सीट से भी जीते थे. उन्होंने कथित तौर पर मार्च 2022 में चिल्का निर्वाचन क्षेत्र में एक खंड विकास कार्यालय के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी भीड़ में अपनी एसयूवी घुसा दी थी. इस घटना में सात पुलिस कर्मियों सहित 22 लोग घायल हो गए थे. जिसके बाद भीड़ ने जगदेव पर हमला कर दिया. घटना के बाद उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया.
विधायक के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, जगदेव तब सुर्खियों में आए जब बौध जिले में बीजेडी नेताओं को काले झंडे दिखाने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं के एक समूह की कथित तौर पर पिटाई करने का उनका एक वीडियो वायरल हो गया.
नवंबर 2016 में, जगदेव पर एक महिला तहसीलदार पर हमला करने का आरोप लगाया गया था जब वह सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कोशिश कर रही थी.
निष्कासित बीजेडी नेता लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए.
चुनावी हलफनामे में जगदेव ने कहा है कि उनके खिलाफ 11 मामले दर्ज हैं, हालांकि उन्हें किसी में भी दोषी नहीं ठहराया गया है.
सत्तारूढ़ बीजेडी ने सीईओ के समक्ष सौंपे ज्ञापन में जगदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
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