चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और कांग्रेस के बीच बात कहां अटक गई? क्या राहुल गांधी प्रशांत किशोर को पसंद नहीं करते हैं? क्यों प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के ऑफर को ठुकरा दिया? इन सवालों का जवाब प्रशांत किशोर ने खुद दिया है.
प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को 8 से 9 घंटे का प्रेजेंटेशन दिया जिसमें पार्टी के कामकाज और पार्टी को मजबूत करने के लिए कई सुझाव दिए.
न्यूज चैनल आजतक को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस लीडरशिप को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा कि मैंने राहुल-प्रियंका में से किसी के भी नाम के सुझाव नहीं दिया था.
प्रशांत किशोर ने क्यों नहीं कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया?
इस सवाल के जवाब में प्रशांत कहते हैं,
जो सुझाव हम लोगों ने रखा उसपर सहमति हो गई, इन सुझावों को जमीन पर उतारने के लिए कांग्रेस ने ईएजी यानी इंपावर्ड एक्शन ग्रुप की परिकल्पना की है. और वो (कांग्रेस) चाहते थे कि मैं उस ईएजी का हिस्सा बनकर काम करूं. एक जिम्मेदारी मैं भी उठाऊं. लेकिन मेरे मन में ईएजी को लेकर और उसके संवैधानिक रूप रेखा को लेकर संदेह है. ईएजी एक एडहॉक बॉडी है, कांग्रेस के संविधान में तो इसका प्रावधान नहीं है. जबकि कांग्रेस के संविधान में संसदिय बोर्ड और कांग्रेस वर्किंग कमेटी का प्रावधान है. और जब आप इतने बड़े बदलाव की बात कर रहे हैं तो एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर ने बनाई हुई बॉडी वो कर पाएगी या नहीं इसे लेकर मेरे मन में संदेह था.
जब प्रशांत किशोर से राहुल गांधी द्वारा भाव नहीं मिलने और प्रेजेंटेशन के दौरान मौजूद नहीं रहने को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मुझे क्यों भाव देंगे? मेरा कद और किरदार इतना बड़ा नहीं है, वह मुझे भाव दें. हालांकि उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेरे मित्र हैं.
प्रशांत किशोर ने कहा,
मेरे साथ बैठकों में राहुल गांधी कई बार उपस्थित रहे हैं, आप लोगों को अपने सूत्र ठीक करने चाहिए. राहुल गांधी 3 बार से ज्यादा बैठकों में शामिल हुए थे.
प्रशांत किशोर ने बताया कि उनके और कांग्रेस के बीच हुई मीटिंग में ज्यादातर बातों पर सहमति बनी, आगे क्या होना चाहिए इस पर भी सहमति बनी. लेकिन प्रशांत किशोर का ये भी कहना है कि जो सुझाव मैंने दिए हैं उसे करने के लिए कांग्रेस को किसी प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है. वो खुद कर सकते हैं.
क्या 600 स्लाइड का प्रेजेंटेशन दिया था?
प्रशांत किशोर ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का भी खंडन किया जिसमें 600 सलाइड के प्रेजेंटेशन की बात कही जा रही थी. प्रशांत ने साफ किया कि ऐसी कोई प्रेजेंटेशन नहीं दी है, बल्कि हां करीब 8 से 9 घंटे चर्चा जरूर चली. जिसे कांग्रेस अध्यक्ष ने पूरा सुना.
क्या प्रशांत किशोर पूरा कंट्रोल चाहते थे?
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच किन मुद्दों पर बात नहीं बनी इसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘आप उल्टी गंगा बहाने का प्रयास कर रही हैं, मैं राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने वाला कौन होता हूं. मेरी इतनी ताकत नहीं है कि मैं राहुल गांधी का रोल डिसाइड कर दूं. कांग्रेस ने मुझे थैंक्यू कहा मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी. अगर उन्हें लगता है कि वो मेरे बिना कर सकते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है. प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने अपने प्रेजेंटेशन का कोई पैसा नहीं लिया. आप मुझे बुलाएंगे तो आपको सुना होगा ही.
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