ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वो सत्ता में नहीं होते. उन्होंने कहा, ‘‘अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं यहां नहीं बैठा होता. यहां अकाली होते.''
बता दें कि इस साल हुए विधानसभा चुनावों के बाद से ही कांग्रेस ये आरोप लगाती रही है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है. ऐसे में अमरिंदर सिंह का ये रुख अपनी ही पार्टी से उलट है.
पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं. कांग्रेस दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हुई जिससे उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनाने में मदद मिली.
चुनाव आयोग ने दी है खुली चुनौती
इससे पहले बुधवार को चुनाव आयोग ने ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती दी थी. आयोग ने सुरक्षा का दावा करते हुए कहा कि मई के पहले हफ्ते से लेकर 10 मई के बीच कोई भी ईवीएम मशीनों को हैक करके दिखाए.
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बीएसपी समेत कई दलों ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे. ये ही नहीं, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में बुधवार को राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी.
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