नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) के इस्तीफा वापस लेने के बाद लग रहो था कि अब पंजाब कांग्रेस (Punjab congress) में शायद सबकुछ ठीक होगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अब नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit channi) आमने-सामने दिख रहे हैं. दरअसल दो दिन पहले सीएम चन्नी ने बयान दिया था कि पंजाब कांग्रेस के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab assembly election) में प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) रणनीति बनाएंगे.
चरणजीत सिंह चन्नी के इस बयान को लेकर अब पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू का बयान आया है, उनका कहना है कि इसको लेकर हाई कमान फैसला करेगा. इससे पहले भी कई फैसलों को लेकर सीएम चन्नी और सिद्धू आमने-सामने दिखे हैं.
पंजाब के एडवोकेट जनरल ने सिद्धू पर साधा निशाना
पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल (APS Deol) ने सिद्धू पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि,
नवजोत सिंह सिद्धू के बार-बार बयान नशीले पदार्थों और बेअदबी के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने के राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों को पटरी से उतारने की कोशिश करते हैं. सिद्धू अपने राजनीतिक सहयोगियों पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैला रहे हैं.एपीएस देओल
इस्तीफा वापस लेते वक्त भी चन्नी पर साधा था निशाना
नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा वापस लेते वक्त भी इशारों-इशारों में नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधा था. सिद्धू ने कहा था कि, "मैंने एक महीने पहले सीएम चन्नी से बात की थी. ये 90 दिनों की सरकार है, जिसके 50 दिन पूरे हो चुके हैं. ड्रग्स और बेअदबी को लेकर कैप्टन अरमिंदर सिंह ने कुछ नहीं किया, इसलिए उनका इस्तीफा हुआ. मेरी नजरों में सीएम चन्नी के लिए भी वही जिम्मेदारियां हैं. जिन्हें उन्हें पूरा करना चाहिए."
लंबी लड़ाई के बाद बनाए गए थे अध्यक्ष
नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा था. वो कैप्टन पर किसी विपक्षी नेता की तरह हमलावर रहते थे. उनकी तरफ से पार्टी में भी ये साफ मैसेज दे दिया गया था कि कैप्टन के समकक्ष पद चाहिए. कई हफ्तों की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया गया, जबकि तब सीएम पद पर बैठे कैप्टन इस फैसले से खुश नहीं थे. इसके कुछ ही हफ्तों बाद कैप्टन को ही कुर्सी से उतार दिया गया. उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया.
सिद्धू ने नाराज होकर दिया था इस्तीफा
अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद ही नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया, वो पार्टी से कैबिनेट विस्तार और कुछ बड़े पदों पर नियुक्तियों को लेकर नाराज चल रहे थे. उन्होंने तब इस्तीफा देने के बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि,
सिद्धांतों पर कायम रहने के लिए कोई भी बलिदान दूंगा... मैंने उस व्यवस्था को तोड़ दिया जहां दागी मंत्रियों और अधिकारियों को रखा गया था. अब दागी मंत्रियों और अधिकारियों को फिर से नियुक्त नहीं किया जा सकता है. मैं ऐसी नियुक्तियों का विरोध करता हूं.नवजोत सिद्धू
पंजाब में चुनाव नजदीक हैं और कांग्रेस में चल रही ये खींचतान हाई कमान को परेशान कर रही है. रिपोर्ट्स हैं कि पंजाब कांग्रेस से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सीधे संपर्क में रहे हैं. वो किसी भी तरह चुनाव से पहले पार्टी को स्थिरता देना चाहते हैं क्योंकि कैप्टन अलग पार्टी बना चुके हैं और हो सकता है कुछ कांग्रेसी भी उनके साथ जायें.
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