संसद में कामकाज न होने देने के खिलाफ उपवास कर चुके पीएम मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि मोदी संसद में आने से घबराते हैं.अगर मुझे 15 मिनट बोलने का मौका दिया जाए तो पीएम वहां खड़े नहीं रह पाएंगे. राहुल ने कहा कि संसद ठप करने का आरोप हम पर लगाया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि नीरव मोदी को बचाने के लिए यह चलने नहीं दी गई.
‘ बीजेपी के दिल में दलितों के लिए दर्द नहीं ’
नई दिल्ली में संविधान बचाओ रैली में राहुल दलित वोटरों पार्टी की पैठ मजबूत करते दिखे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के दिल में दलितों के लिए दर्द नहीं है. केंद्र में मोदी की सरकार आने के बाद से दलितों के प्रति अत्याचार बढ़े हैं. पुणे, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जहां भी देखें, उन्हें मारा जा रहा है. कुचला जा रहा है.
राहुल ने कहा कि देश के हरेक संवैधानिक संस्थान में संघ के लोगों को डाला जा रहा है. गरीब, दलित और महिलाओं को सुरक्षित करने वाला संविधान आज खुद खतरे में है. राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्थाओं को दबाया जा रहा है.
राहुल ने कहा, 2019 में मोदी को जनता सुनाएगी अपने मन की बात
दलितों के खिलाफ अत्याचारों पर मोदी की चुप्पी पर राहुल ने सवाल उठाया. मोदी के के उस नसीहत पर चुटकी लेते हुए कहा कि रविवार को पीएम ने सांसदों से कहा कि चुप हो जाओ, मीडिया को मसाला देना बंद करो. मीडिया सिर्फ हमारे मन की बात सुने. अब 2019 में जनता मोदी जी को अपने मन की बात सुनाएगी.
कठुआ और उन्नाव रेप की घटनाओं पर राहुल ने कहा कि सरकार का नारा था- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. लेकिन अब नारा बदल गया है. लोग कह रहे हैं कि बीजेपी से बेटी को बचाओ.
राहुल ने रैली में और क्या कहा
- शौचालय साफ करने को आध्यात्मिकता बताते हैं मोदी
- मोदी के दिल में दलितों के लिए कोई जगह नहीं
- मोदी राज में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है
- दलितों पर हो रहे अत्याचार पर मोदी चुप हैं
- मोदी राज में पहली बार जनता के दरबार में आए सुप्रीम कोर्ट के जज
- नीरव मोदी और राफेल पर जवाब नहीं दे पाएंगे पीएम मोदी
- उन्नाव और कठुआ कांड पर कुछ नहीं बोले पीएम मोदी
- देश में कोई नहीं बोलेगा, सिर्फ पीएम मोदी बोलेंगे
- कांग्रेस ने 70 साल में संविधान दिया और इसकी रक्षा की
- हम दलितों की रक्षा के लिए कैंपेन चलाएंगे
- देश की छवि पीएम मोदी ने खराब की
कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान के जरिये दलितों के बीच पैठ बनाना चाहती है. कांग्रेस शिक्षा और नौकरियों से दलितों के वंचित रहने का मुद्दा जोर-शोर से उठ कर दलित मतदाताओं को अपने पाले में करना चाहती है.
क्या है कांग्रेस का प्लान?
कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान में स्थानीय निकाय और जिला स्तर के पार्टी नेता शामिल होंगे. इसके अलावा वे नेता भी इसमें भाग लेंगे जो दलितों के हितों के लिए काम करते रहे हैं. अभियान के तहत कांग्रेसी नेता अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जनता में संदेश देंगे कि कांग्रेस उनके हकों के लिए लड़ रही है.
बीजेपी सरकार में संविधान खतरे में है. दलित समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में अवसर नहीं मिल रहे हैं. इस अभियान का मकसद इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है.कांग्रेस
बीते 2 अप्रैल को एससी/एसटी समुदाय के बुलाए गए भारत बंद में बड़े पैमाने पर दलित सड़कों पर उतरे थे. लिहाजा, कांग्रेस को लगता है कि दलितों की आवाज उठाकर वह अपनी खोई हुई सत्ता हासिल कर सकती है.
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